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India Daily

'मां काली, दर्शन दे' का 24 घंटे किया नॉनस्टॉप जाप, देवी प्रकट नहीं हुई तो पुजारी ने गला काटकर मौत को लगाया गले

वाराणसी एसीपी ईशान सोनी का कहना है कि,"वह (पुजारी) इस बात पर अड़ा था कि देवी काली उसके सामने प्रकट होंगी. जब ऐसा नहीं हुआ तो उसने अपना गला काट लिया. उसे स्थानीय अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

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Edited By: Mayank Tiwari
वाराणसी में पुजारी के आत्महत्या का मामला
Courtesy: Social Media

UP News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. यहां घर के आंगन में बैठे पुजारी द्वारा पूजा-पाठ के दौरान गर्दन काट कर जान देने की घटना को लेकर इलाके में तरह- तरह की चर्चाएं हो रही हैं. इस बीच  कोतवाली थाना क्षेत्र के गाय घाट इलाके में एक पुजारी ने मां काली के साक्षात दर्शन न मिलने से व्यथित होकर आत्महत्या कर ली. बता दें कि, ये घटना सोमवार रात की है. इस मामले में पुलिस ने बुधवार को बताया कि वाराणसी में 45 वर्षीय पुजारी ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि वह 24 घंटे तक प्रार्थना में लीन रहे, लेकिन देवी काली उनके सामने प्रकट नहीं हुईं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वाराणसी पुलिस का कहना है कि पीड़ित अमित शर्मा ने रविवार शाम गायघाट पठानगली में अपने किराए के घर में गला रेतकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि अमित शर्मा को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. सूत्रों ने बताया कि मां काली के परम भक्त अमित शर्मा शनिवार से बंद कमरे में 24 घंटे प्रार्थना कर रहे थे. इस दौरान पुजारी ने दावा किया कि देवी "प्रकट होकर उनसे मिलेंगी".प्रार्थना करते समय पुजारी लगातार "माँ काली, दर्शन दे" का जाप करता रहा. कई घंटे बीत जाने के बाद वह निराश हो गया और चाकू से अपना गला रेत लिया.

जानिए क्या है पूरा मामला?

मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक पुजारी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ किराए के मकान में रहता था. पुजारी पिछले 24 घंटे से मां काली के आव्हान और पूजा कर रहा था.24 घंटे बाद भी जब मां के साक्षात दर्शन नहीं हुए, तो हताशा में उसने आत्महत्या कर ली. घटना के समय पुजारी की पत्नी घर पर ही थी. जब उसने पुजारी को लहूलुहान हालत में देखा, तो तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया. मगर, डॉक्टरों ने पुजारी को मृत घोषित कर दिया.  

शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा- ACP

इस मामले में एसीपी ईशान सोनी का कहना है कि,"वह (पुजारी) इस बात पर अड़ा था कि देवी काली उसके सामने प्रकट होंगी. जब ऐसा नहीं हुआ तो उसने अपना गला काट लिया. उसे स्थानीय अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि, अमित शर्मा के मकान मालिक ने बताया कि पुजारी पिछले सात सालों से उनके घर में रह रहे थे. वह काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे और पर्यटकों के साथ धार्मिक तीर्थयात्रा पर भी जाते थे. पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच-पड़ताल की जारी है.