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India Daily

'खून बह रहा था, चींटियां रेंग रही थी...', जिंदा दफनाई गई 15 दिन की जन्मी बच्ची, मिट्टी में हिलता हाथ देख कांप उठा चरवाहा

शाहजहांपुर में बहगुल नदी पुल के पास एक नवजात बच्ची को जिंदा दफनाने की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. चरवाहे दुब्लू ने मिट्टी के टीले से रोने की आवाज सुनकर पास जाकर देखा तो बच्ची की हाथ बाहर निकली थी. उसकी तत्परता से बच्ची बच गई.

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Edited By: Princy Sharma
Newborn Girl Buried Alive
Courtesy: X-AI

Newborn Girl Buried Alive: मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक नवजात बच्ची को जिंदा दफना दिया गया. लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था. एक चरवाहे की सूझबूझ और तत्परता ने इस मासूम की जिंदगी बचा ली.

यह दिल दहला देने वाली घटना रविवार को शाहजहांपुर के बहगुल नदी पुल के पास की है. बकरियां चरा रहे दुब्लू नाम के एक चरवाहे ने मिट्टी के एक टीले से आती हुई एक कमजोर रोने की आवाज सुनी. आवाज सुनकर वह टीले के पास गया तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं. 

उसने देखा कि मिट्टी से एक नन्हा सा हाथ बाहर निकला हुआ था. वह हाथ खून से लथपथ था, उस पर चींटियां रेंग रही थीं और वह कमजोर तरीके से हिल रहा था. दुब्लू ने बताया, 'मुझे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था. मैंने तुरंत शोर मचाया और देखते ही देखते गांव के लोग वहां इकट्ठा हो गए. हमने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी.'

पुलिस ने निकाला मिट्टी से बाहर

पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर बहुत सावधानी से बच्ची को मिट्टी से बाहर निकाला. बच्ची का पूरा शरीर मिट्टी से सना हुआ था और उसकी हालत बेहद नाजुक थी. एक स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने बताया, 'बच्ची को तुरंत पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसे आपातकालीन उपचार दिया गया. उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया.'

गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश कुमार ने बताया, 'यह बच्ची करीब 10-15 दिन की लग रही है. जब उसे लाया गया तो वह बहुत कमजोर थी और उसके हाथ में गंभीर चोटें थीं, जिसे चींटियों ने बुरी तरह से काट लिया था. हाथ से खून बह रहा था.' उन्होंने आगे बताया, 'बच्ची को फिलहाल नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में रखा गया है और उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.' 

कौन है इस कृत्य का जिम्मेदार?

पुलिस के मुताबिक, बच्ची को करीब एक फुट की गहराई में दफनाया गया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उसे सांस लेने के लिए जानबूझकर थोड़ी हवा की जगह छोड़ी गई थी. जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि बच्ची को जानबूझकर छोड़ा गया था. पुलिस अब बहगुल नदी सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जा सके. जैतीपुर थाने के एसएचओ गौरव त्यागी ने कहा, 'हम उस व्यक्ति की पहचान कर उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं जिसने इस मासूम को जिंदा दफनाने की कोशिश की.'