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India Daily

Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट हुआ बहाल, क्या थी सस्पेंड होने की वजह?

SP Akhilesh Yadav: शुक्रवार शाम को अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई. हालांकि, अब अकाउंट बहाल हो चुका है और समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष ने तुरन्त एक पोस्ट किया. उन्होंने जयप्रकाश नारायण की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'सम्पूर्ण क्रांति का मतलब सबसे उत्पीड़ित को सत्ता में देखना है.'

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Edited By: Princy Sharma
Akhilesh Yadav Facebook News
Courtesy: Pinterest

Akhilesh Yadav Facebook News: शुक्रवार शाम को अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया, जिससे राजनीतिक बवाल मच गया. हालांकि, अब अकाउंट बहाल कर दिया गया है और समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष ने बिना समय गंवाए इस पर पोस्ट किया. उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन के नेता जयप्रकाश नारायण की फोटो शेयर कीं और लिखा, ‘सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है.’

अकाउंट निलंबन से बवाल मच गया था, समाजवादी पार्टी ने केंद्र और राज्य दोनों की BJP सरकार पर इस कार्रवाई का आरोप लगाया था. हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि निलंबन फेसबुक का फैसला था, सरकार का नहीं. उन्होंने कहा कि निलंबन एक ऐसी पोस्ट के कारण हुआ जो फेसबुक के सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती थी. फेसबुक ने अभी तक इस घटना पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है.

ब्लॉक होने का कारण क्या था?

सूत्रों के अनुसार, अखिलेश का अकाउंट जिसके 80 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे ब्लॉक कर दिया गया. फेसबुक ने एक हिंसक या अनुचित पोस्ट से संबंधित अपनी नीतियों के उल्लंघन का हवाला दिया. इस अकाउंट का इस्तेमाल अक्सर सपा के कार्यक्रमों, पार्टी कार्यकर्ताओं की बातचीत और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के लिए किया जाता था.

SP के आरोप

इस ब्लॉक से समाजवादी पार्टी में खलबली मच गई. सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने ट्वीट कर निलंबन को लोकतंत्र पर हमला बताया और भाजपा पर अघोषित आपातकाल लगाने का आरोप लगाया. सपा विधायक पूजा शुक्ला ने भी इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा, 'फेसबुक ने बिना किसी चेतावनी के अकाउंट बंद कर दिया. यह लाखों लोगों की आवाज दबाने की साजिश है. '

अकाउंट बहाल होने के बावजूद, इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है और यह उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है.