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40 दिन में 7 बार सांप काटने का दावा करने वाले युवक की खुली पोल, सच जान आप भी हो जाएंगे हैरान

Reality of Fatehpur Snake Bite Case: हाल ही में यूपी के फतेहपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था जिसमें विकास दुबे नाम के एक व्यक्ति ने दावा किया था कि महज 40 दिन के अंदर एक सांप ने उसे 7 बार डसा है. इसके चलते वो अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां रहने लगा था. अब इस मामले की सच्चाई सामने आई है, आप भी समझें-

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UP Snake Bite case
Courtesy: IDL

Reality of Fatehpur Snake Bite Case: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में 40 दिनों के अंदर 7 बार सांप के काटने का दावा करने वाला युवक विकास द्विवेदी का मामला अब सच सामने आने के बाद एक नया मोड़ ले चुका है. स्वास्थ्य विभाग और वन विभाग की संयुक्त जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि विकास को वास्तव में सिर्फ एक बार ही सांप ने काटा था.

विकास के दावे से फैल गई थी सनसनी

विकास के इस अजीबोगरीब दावे ने ना केवल ग्रामीणों को हैरान कर दिया था, बल्कि पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी. मीडिया में भी इस घटना को लेकर खूब प्रचार हुआ था. विकास ने बताया था कि उसे 2 जून से 12 जुलाई के बीच हर शनिवार को सांप ने काटा था.

मेडिकल जांच में हुआ स्नेक फोबिया का खुलासा

लेकिन, जांच में पता चला कि विकास स्नेक फोबिया यानी सांपों के डर से ग्रस्त है. इस डर के कारण उसे बार-बार ऐसा लग रहा था कि उसे सांप ने काट लिया है. विकास ने यह भी बताया था कि उसे सपने में भी सांप दिखाई देता था और सांप ने उसे धमकी दी थी कि वह उसे नौवीं बार काटकर उसकी जान ले लेगा. डर के मारे विकास ने अपना घर भी छोड़ दिया था और अपने रिश्तेदारों के यहां रहने लगा था.

स्वास्थ्य विभाग ने विकास को मनोचिकित्सक से इलाज कराने की सलाह दी है. यह घटना सांपों के प्रति लोगों के गलत धारणाओं और अंधविश्वासों को उजागर करती है. अक्सर लोग सांपों को देखते ही डर जाते हैं और उन्हें मारने की कोशिश करते हैं, जबकि सच यह है कि सांप आमतौर पर आक्रामक नहीं होते हैं और वे केवल तभी काटते हैं जब वे खुद को खतरे में महसूस करते हैं.

इस घटना से हमें कुछ महत्वपूर्ण सीख मिलती हैं

  • सांपों के प्रति जागरूकता: हमें सांपों के बारे में सही जानकारी रखनी चाहिए और यह समझना चाहिए कि वे हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और वे आमतौर पर मनुष्यों के लिए खतरा नहीं होते हैं.
  • अंधविश्वासों से बचना: हमें अंधविश्वासों और अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए.
  • मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना: हमें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो मदद लेनी चाहिए.

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ सांप जहरीले होते हैं और उनका काटना खतरनाक हो सकता है. यदि आपको कभी सांप काट लेता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

डर के चलते नजर आने लगे थे सांप

विकास के इस मामले में, उसका डर इतना बढ़ गया था कि उसे बार-बार सांप काटने का भ्रम हो गया. यह स्नेक फोबिया का एक लक्षण है. स्नेक फोबिया से ग्रस्त लोग सांपों को देखते ही घबरा जाते हैं, पसीना आने लगता है, सांस लेने में तकलीफ होती है और उन्हें लगता है कि सांप उन पर हमला कर देगा. इस तरह के डर का इलाज मनोचिकित्सा और व्यवहार चिकित्सा के माध्यम से किया जा सकता है.

फतेहपुर का यह मामला हमें सिखाता है कि हमें अंधविश्वासों और डर पर विश्वास नहीं करना चाहिए. हमें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो मदद लेनी चाहिए. यह भी महत्वपूर्ण है कि हम सांपों के बारे में सही जानकारी रखें और उन्हें मारने से बचें.