Qari Ishaq Gora slams Javed Akhtar: सहारनपुर के प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद और मशहूर गीतकार जावेद अख्तर के बीच हाल ही में एक विवाद ने सुर्खियां बटोरी हैं. यह विवाद तब शुरू हुआ, जब जावेद अख्तर ने तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के दारुल उलूम देवबंद में स्वागत पर सवाल उठाए. इसके जवाब में देवबंदी मौलाना कारी इसहाक गोरा ने जावेद अख्तर को "वेल्ला" (निठल्ला) कहकर उनकी आलोचना की.
हाल ही में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी दारुल उलूम देवबंद के दौरे पर आए. इस दौरान उनका जोरदार स्वागत किया गया. जावेद अख्तर ने इस स्वागत पर आपत्ति जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखा और इसके लिए जमकर आलोचना की.
उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा कि तालिबान जैसे संगठन, जो आतंकवाद और महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध के लिए कुख्यात है, उसके प्रतिनिधि का इस तरह सम्मान किया जाना शर्मनाक है. जावेद ने लिखा कि यह देखकर उनका सिर शर्म से झुक जाता है और देवबंद को भी इस पर शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए.
I hang my head in shame when I see the kind of respect and reception has been given to the representative of the world’s worst terrorists group Taliban by those who beat the pulpit against all kind of terrorists . Shame on Deoband too for giving such a reverent welcome to their “…
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) October 13, 2025
जावेद अख्तर की इस टिप्पणी से मौलाना कारी इसहाक गोरा भड़क उठे. मौलाना ने कहा कि जावेद अख्तर ने अपनी पूरी जिंदगी नाच-गाने में बिताई है, तो उन्हें मेहमाननवाजी का मतलब क्या पता? उन्होंने जावेद को "वेल्ला" कहकर तंज कसा और कहा कि जब इंसान के पास कोई काम नहीं होता, तो वह सोशल मीडिया पर उंगलियां उठाने लगता है. मौलाना ने यह भी कहा कि सिर्फ पढ़-लिख लेना काफी नहीं है बल्कि दिमाग का खुला होना भी जरूरी है.
मौलाना ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि तालिबान के विदेश मंत्री का स्वागत एक सरकारी मेहमान के तौर पर किया गया. भारत अपनी मेहमाननवाजी के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. मौलाना का कहना था कि जावेद अख्तर को यह समझना चाहिए कि यह स्वागत भारत की सरकारी नीतियों का हिस्सा था. उन्होंने सुझाव दिया कि अगर जावेद कुछ समय मदरसों में पढ़ाई करते, तो शायद वे इस मामले को बेहतर ढंग से समझ पाते.