डिजिटल अरेस्ट करने वालों को ओटीपी बताने जा रहे थे डॉक्टर साहब, ऐन मौके पर पहुंची पुलिस और 50 लाख बचा लिए
बरेली में एक पढ़े-लिखे और पेशे से डॉक्टर साहब डिजिटल अरेस्ट स्कैमरों के हत्थे चढ़ गए. स्कैमर उनसे 50 लाख ठगने की वाले थे कि पुलिस मौके पर पहुंच गई और डॉक्टर साहब और उनके 50 लाख बचा लिए.
बरेली में एक पढ़े-लिखे और पेशे से डॉक्टर साहब डिजिटल अरेस्ट स्कैमरों के हत्थे चढ़ गए. स्कैमर उनसे 50 लाख ठगने की वाले थे कि पुलिस मौके पर पहुंच गई और डॉक्टर साहब और उनके 50 लाख बचा लिए.
एक फोन कॉल और पासबुक लेकर चल दिए डॉक्टर साहब
बरेली के रहने वाले डॉ. नजबुल हसन के पास एक फोन कॉल आया. इसके कुछ देर बाद ही डॉक्टर साहब अपनी पासबुक और जरूरी कागजात लेकर घर से चले गये. घर वालों को समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है. घर वालों ने नज़बुल को कई बार कॉल की, वो अपना फोन नहीं उठा रहे थे. घर वाले डर गए. इसके बाद घर वाले पुलिस के पास पहुंचे. पुलिस ने भी कॉल लगाई, नज़बुल ने फोन नहीं उठाया.
डिजिटल अरेस्ट थे नजबुल
पुलिस जब अंदर गई तो पता चला कि नजबुल को डिजिटल अरेस्ट किया गया था और उनसे वसूली का काम चल रहा था. नजबुल पिछले 7 घंटे से होटल के कमरे में मौजूद थे.
स्कैमरों ने कही हवाला में आधार इस्तेमाल होने की बात
स्कैमरों ने डॉक्टर साहब को यह कहकर डराया था कि उनका आधार कार्ड हवाला के काम में इस्तेमाल हुआ है. ठगों ने आगे कहा कि आग कहीं ऐसी जगह जाकर बात करो जहां किसी को इसके बारे में पता ना चले, यह गंभीर मामला है.
नजबुल का किया ब्रेनवॉश
डिजिटल अरेस्ट स्कैमरों ने नजबुल का ऐसा ब्रेनवॉश किया था कि वे पुलिस को भी नकली मान रहे थे और किसी से बात करने को तैयार नहीं थे. जिसके बाद मौके पर पहुंचे एसपी सिटी ने उन्हें समझाया
ओटीपी देने जा रहे थे डॉक्टर साहब
पुलिस के होटल पहुंचने से चंद मिनटों पहले ही डॉक्टर साहब ठगों को अपने बैंक खाते की डिटेल बताने के बाद ओटीपी बताने जा रहे थे लेकिन ऐन मौके पर पुलिस पहुंच गई और डॉक्टर साहब के 50 लाख बच गया.
पूछताछ में डॉक्टर साहब ने पुलिस को बताया कि ठगों ने उन्हें बताया कि उनके आधार कार्ड से हवाला कारोबार में कई राज्यों में बड़ा घोटाला हुआ है और सीबीआई उनकी तलाश में उनके घर के पास घूम रही है. अगर बचना चाहते हो तो तुरंत पासबुक और जरूरी कागजात लेकर होटल में तीन दिन के लिए शिफ्ट हो जाओ और किसी का फोन मत उठाना.
नगर पुलिस अधीक्षक मानुष पारीक ने बताया कि समय पर सूचना मिलने के बाद तुरंत फोन की लोकेशन से डॉक्टर का पता लगाकर होटल के कमरे में डिजिटल अरेस्ट किए गए डॉक्टर को साइबर ठगों के चुंगल से मुक्त कराया गया और समय रहते 50,00,000 रुपये की ठगी होने से बच गई.