Mukhtar Ansari Crime History: माफिया मुख्तार अंसारी के खौफनाक किस्से, जानें कैसा बना अपराध की दुनिया का बादशाह?

Mukhtar Ansari Crime History: माफिया मुख्तार अंसारी का अपराध की दूनिया से पुराना नाता रहा है. अवधेश राय से लेकर कृष्णानंद राय हत्याकांड समेत कई मामलों में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था.

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Mukhtar Ansari Crime History: मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. मुख्तार अंसारी का अपराध की दुनिया में बड़ा नाम रहा है. मुख्तार अंसारी ने अवधेश राय हत्याकांड से लेकर कोयला कारोबारी नंदकिशोर रूंगटा का अपहरण और हत्या समेत कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है. मुख्तार अंसारी 1996 से 2022 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक चुना गया, दो बार बहुजन समाज पार्टी, दो बार निर्दलीय और एक बार कौमी एकता दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता. 

मुख्तार अंसारी 1978 में ही अपराध की दुनिया से जुड़ गया था. तब मुख्तार की उम्र सिर्फ 15 साल थी. अंसारी का कानून से पहली बार सामना तब हुआ जब गाजीपुर के सैदपुर पुलिस स्टेशन में आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया. 

अवधेश राय को गोलियों से किया छलनी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और अंसारी परिवार की अदावत किसी से छिपी नहीं है. अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या आज से 33 साल पहले हुई थी. जिसका आरोप अफजाल अंसारी के भाई माफिया मुख्तार अंसारी पर लगा था. इस मामले में पिछले साल जून  2023 में  में वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. 3 अगस्त, 1991 को वाराणसी के लहुराबीर इलाके में अवधेश राय को गोलियों से छलनी कर दिया गया था.

ब्रजेश सिंह गैंग vs मुख्तार अंसारी गिरोह

मुख्तार अंसारी का नाम पूरे उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बन गया. 1990 के दशक में गाजीपुर जिले के तमाम सरकारी ठेकों पर ब्रजेश सिंह गैंग का कब्जा हुआ करता था. इसी दौरान ब्रजेश सिंह गैंग का सामना मुख्तार अंसारी के गिरोह से हुआ. यहीं से ब्रजेश सिंह और मुख्तार अंसारी की अदावत शुरू हो गई.

रुंगटा अपहरण मामले में मुख्तार अंसारी मुख्य आरोपी 

1997 में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला व्यवसायी रुंगटा के अपहरण में मुख्तार अंसारी का नाम सामने उभर कर आया. उसके बाद अप्रैल 2009 में कपिल देव सिंह की हत्या और अगस्त 2009 में ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह की हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था. 

ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या मामले में मुख्‍तार का नाम 

1988 में ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या मामले में मुख्‍तार का नाम सामने आया था. उसके बाद त्रिभुवन सिंह के भाई राजेंद्र सिंह जो पुलिस थे, उनकी हत्या बनारस में कर दी गई. इसमें भी मुख्तार का ही नाम सामने आया था. वहीं साल 2005 में मऊ जिले में हिंसा भड़क उठी. जिसका आरोप मुख्तार अंसारी गैंग पर लगा. इस मामले में मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. 

कृष्णानंद राय हत्या के पीछे मुख्तार गैंग का हाथ 

साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की मुख्तार गैंग के पांच लोगों ने गोलीमार सरेआम हत्या कर दी. इस दौरान हमलावरों ने एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा बार गोलियां दागी थी. कहा जाता है कि अकेले कृष्णानंद राय के शरीर में 21 गोलियां लगी हुई थी. यह घटना यूपी के गाजीपुर जिले के भावरकोल क्षेत्र के उस्सरचाटी इलाके में हुआ था. जहां घात लगाकर बैठे मुख्तार गैंग के हमलावरों ने हमला कर दिया. वह सियाडी इलाके में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने के बाद घर वापस जा रहे थे. इसी दैरान एके-47 राइफलों से लैस कम से कम छह हमलावरों ने दो गाड़ियों को घेर लिया और दिनदहाड़े उन पर गोलियां बरसा दी.