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‘माई ममता नंद गिरी’ बनी ममता कुलकर्णी, आध्यात्म की राह पर रखा कदम

Mahakumbh 2025: ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ 2025 में अपना सांसारिक जीवन पूरी तरह से छोड़ दिया है और अब वो माई ममता नंद गिरी बन गई हैं. यह कदम उन्होंने किन्नर अखाड़े में उठाया.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Mamta Kulkarni
Courtesy: PTI

Mahakumbh 2025: ममता कुलकर्णी, जो पहले बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रह चुकी हैं, ने 24 जनवरी 2025 को प्रयागराज के महाकुंभ मेले में आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की. उन्होंने अपना सांसारिक जीवन छोड़ने का फैसला लिया है और अब वो माई ममता नंद गिरी बन गई हैं. यह कदम उन्होंने किन्नर अखाड़ा में उठाया, जहां उन्होंने संन्यास लिया और उनका नाम बदलकर माई ममता नंद गिरी रखा गया.

ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़ा में पिंड दान किया और फिर उन्हें महामंडलेश्वर का पद दिया गया. इस दौरान, किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अन्य संतों ने उनकी पूजा-अर्चना की. ममता ने संगम के पवित्र जल में स्नान किया और संन्यासी की पोशाक में नजर आईं.

23 साल पहले ली थी दीक्षा: 

उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि वो महाकुंभ के इस पवित्र पल के साक्षी बन रही हैं. ममता ने बताया कि उन्होंने 23 साल पहले गुरु श्री चैतन्य गगन गिरी से दीक्षा ली थी और अब वे पूरी तरह से संन्यास लेने जा रही हैं. ममता ने कहा कि वह पिछले 23 वर्षों से तपस्या कर रही हैं और आज वह महाकुंभ में यह उच्च पद प्राप्त कर रही हैं.

कठिन परीक्षाओं का सामना करना पड़ा:

ममता कुलकर्णी ने यह भी बताया कि महामंडलेश्वर बनने के लिए उन्हें कई कठिन परीक्षाओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने सभी परीक्षाओं को पार किया, तो उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि मिली. उन्होंने यह भी कहा कि यह कुंभ विशेष है क्योंकि इस बार ग्रहों की स्थिति 144 वर्षों बाद इस तरह से बन रही है.

किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी के इस आध्यात्मिक यात्रा के बारे में पुष्टि की और कहा कि वह पिछले एक-दो सालों से किन्नर अखाड़े से जुड़ी हुई थीं. उन्होंने ममता के इस फैसले का सम्मान किया और कहा कि अब वह आधिकारिक रूप से अखाड़े से जुड़ेंगी. ममता का यह कदम उनके जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत है, जिसमें वे समाज सेवा और धार्मिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेंगी.