UP: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक गैंगरेप पीड़िता के पति की हत्या कर दी गई है. मृतक का शव बुरी तरह से जला हुआ मिला है. परिवार वालों ने हत्या का आरोप लगाया है. मृतक ने कई महीनों तक अपनी पत्नी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी थी, जिसका अपहरण कर लिया गया था, कैद में रखा गया था और सामूहिक बलात्कार किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि 40 साल के व्यक्ति के अवशेष मैनपुरी जिले के एक खेत में पाए गए, जबकि एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई निर्धारित की थी. शख्स ने पूर्व ग्राम प्रधान भोला यादव पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था. मृतक के परिवार ने हत्या का आरोप लगाया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
मैनपुरी के एएसपी राहुल मिठास ने कहा, 'शव मिलने के तुरंत बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था. गहन जांच चल रही है और उसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.' पीड़िता ने बताया, 'ग्राम प्रधान ने मुझे खाना बनाने के बहाने अपने घर बुलाया और अपने दो साथियों के साथ मेरे साथ बलात्कार किया. यह जून 2022 की बात है. अगले दिन, जब मैं शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जा रही थी, तो उसने मेरा अपहरण कर लिया और मुझे चार महीने और 10 दिनों तक अपने घर में बंधक बनाकर रखा. हमने उसके खिलाफ स्थानीय अदालत में मामला दायर किया है. वह मेरे पति पर समझौते के लिए दबाव डाल रहा था, लेकिन हमने इनकार कर दिया. वह मेरे भाई को मारने की धमकी भी दे रहा था.'
#मैनपुरी की यह महिला गैंगरेप पीड़िता है. 4 महीने 10 दिन तक बंधक बनाकर इसके साथ ज्यादती की गई.
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) February 19, 2025
आरोपी दबंग ग्रामप्रधान भोला यादव है. महिला का पति केस में वादी था. उस पर लगातार समझौते का दबाव बनाया जा रहा था.
बात ना मानने पर भोला यादव ने पीड़िता के पति को खेत पर बुलाया और युवक… pic.twitter.com/9Up4Frgx4I
सामूहिक बलात्कार पीड़िता के वकील महेंद्र भारद्वाज ने कहा, 'मामला शुरू में धारा 376 (बलात्कार) और 364 (अपहरण) के तहत दर्ज किया गया था, लेकिन जांच अधिकारी ने बाद में बलात्कार के आरोप को एफआईआर से हटा दिया. हमारे विरोध के बाद, अदालत ने पुलिस को मामले में सामूहिक बलात्कार की धाराएं जोड़ने का आदेश दिया था. वह मामला चल रहा है.'
मृतक के पिता ने कहा, 'मेरे बेटे का शव जला दिया गया ताकि उसकी पहचान न हो सके. उसकी पत्नी के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला पहले से ही अदालत में है. आरोपी हम पर अदालत के बाहर समझौता करने का दबाव डाल रहे थे. पूर्व ग्राम प्रधान ने मामला वापस लेने के लिए पैसे की भी पेशकश की, लेकिन हमने इनकार कर दिया.'