IITian baba prayagraj: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आईआईटीयन बाबा के नाम से मशहूर हुए अभय सिंह को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था की अभय सिंह महाकुंभ के बीच में ही आश्रम छोड़ के चले गए हैं.
सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही इस चर्चा पर अब विराम लग गया है. इस बात का खंडन अब खुद अभय सिंह ने मीडिया के सामने आकार किया है. उन्होंने एक मीडिया चैनल से बात करने के दौरान कहा की वो विश्राम करने के लिए कुछ समय के लिए आश्रम चले गए थे.
कौन हैं आईआईटीयन बाबा?
अभय सिंह, जिन्हें ‘आईआईटीयन बाबा’ के नाम से जाना जाता है, ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में आईआईटी बॉम्बे से डिग्री प्राप्त की थी. उन्होंने कनाडा में एक अच्छी सैलरी पैकेज वाली नौकरी छोड़कर आध्यात्मिक जीवन अपनाया था. हरियाणा निवासी अभय ने डिजाइन में मास्टर डिग्री के बाद कला और फोटोग्राफी में रुचि हासिल की. लेकिन अपने जीवन के वास्तविक अर्थ की खोज ने उन्हें आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित किया.
महाकुंभ में चर्चा का केंद्र
महाकुंभ के दौरान अभय सिंह, जूना अखाड़े के हिस्से के रूप में दिखाई दिए थे. जहां उन्होंने एक संत का जीवन अपनाया. उनके द्वारा जीवन में किए गए इस बदलाव ने आध्यात्मिकता के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित किया.
अचानक गायब होने की खबर
हाल ही में उनके महाकुंभ से गायब होने की खबर ने चर्चाएं बढ़ा दीं. हालांकि, अभय ने इसे “गलत खबर” बताते हुए कहा कि उन्हें आश्रम के संचालकों ने जाने को कहा था. उन्होंने दावा किया, 'वे लोग मुझसे डरते हैं कि मैं उनकी सच्चाई उजागर कर सकता हूं. इसीलिए, उन्होंने गुप्त साधना का बहाना बना दिया. यह सब बकवास है.'
मीडिया का दबाव और विवाद
अभय ने लगातार मीडिया से बातचीत के कारण मानसिक तनाव होने के आरोपों को खारिज किया. इसके अलावा, उन्होंने जूना अखाड़े के संत सोमेश्वर पुरी के उस दावे को भी झूठा बताया, जिसमें उन्हें उनका शिष्य कहा गया.
अभय की आध्यात्मिक यात्रा
इंजीनियरिंग और विज्ञान में असफल उत्तरों ने उन्हें सुकरात, प्लेटो जैसे दार्शनिकों के सिद्धांत और उत्तर-आधुनिकतावाद की ओर आकर्षित किया. अभय ने कहा, 'आध्यात्मिकता के माध्यम से आप मानसिक स्वास्थ्य और मन की गहराइयों को समझ सकते हैं. यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है.'