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लुलु मॉल पर आयकर विभाग की सख्ती, 27 करोड़ बकाया पर बैंक अकाउंट सीज

इनकम टैक्स विभाग ने लखनऊ के लुलु मॉल का बैंक खाता 27 करोड़ रुपये के टैक्स बकाया को लेकर अटैच कर दिया है. कई नोटिस के बावजूद भुगतान न होने पर यह सख्त कार्रवाई की गई.

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Kanhaiya Kumar Jha

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में स्थित लुलु मॉल एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार मामला किसी सामाजिक या राजनीतिक विवाद का नहीं, बल्कि टैक्स बकाया से जुड़ा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मॉल पर बकाया करोड़ों रुपये की टैक्स देनदारी को लेकर सख्त कदम उठाया है. विभाग ने लुलु मॉल का बैंक अकाउंट अटैच कर दिया है, जिससे मॉल प्रबंधन की वित्तीय गतिविधियों पर सीधा असर पड़ा है. यह कार्रवाई कई नोटिस के बाद की गई है.

इनकम टैक्स विभाग के अनुसार लुलु मॉल पर करीब 27 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है. विभाग ने समय-समय पर मॉल प्रबंधन को डिमांड नोटिस जारी किए, लेकिन तय अवधि में रकम जमा नहीं की गई. नियमों के तहत जब बकाया भुगतान नहीं होता, तो विभाग को बैंक अकाउंट अटैच करने का अधिकार है. इसी प्रक्रिया के तहत यह कदम उठाया गया है.

बैंक ऑफ बड़ौदा का खाता हुआ अटैच

जानकारी के मुताबिक लुलु मॉल का बैंक खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसी खाते को अटैच किया है. अब कंपनी इस खाते से कोई राशि निकाल या ट्रांसफर नहीं कर सकती. हालांकि खाते में पैसा आ सकता है, लेकिन उस रकम का उपयोग विभाग टैक्स बकाया की वसूली के लिए कर सकता है.

जांच में मिले वित्तीय अनियमितताओं के संकेत

विभागीय सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान कंपनी के लेन-देन और वित्तीय रिकॉर्ड खंगाले गए. इनमें टैक्स से जुड़ी कुछ अनियमितताओं के संकेत मिले. इन्हीं तथ्यों के आधार पर विभाग ने सख्त रुख अपनाया. आने वाले समय में जांच का दायरा और बढ़ सकता है और मॉल प्रबंधन से विस्तृत जवाब भी मांगा जा सकता है.

कारोबारी और प्रशासनिक हलकों में हलचल

इस कार्रवाई के बाद लुलु मॉल से जुड़े कारोबारी जगत में हलचल मच गई है. प्रशासनिक गलियारों में भी इस कदम की चर्चा हो रही है. फिलहाल लुलु मॉल प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सूत्रों के अनुसार प्रबंधन कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकता है.

विवादों से पुराना नाता

लखनऊ का लुलु मॉल पहले भी कई बार विवादों में रह चुका है. वर्ष 2022 में मॉल परिसर में नमाज पढ़े जाने का मामला सामने आया था, जिस पर हिंदू संगठनों ने विरोध जताया था. इसके अलावा हलाल मीट और कथित धर्मांतरण जैसे मुद्दों को लेकर भी मॉल चर्चा में रहा. इन कारणों से लुलु मॉल पहले ही सामाजिक और राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है.