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चंदन गुप्ता हत्याकांड: NIA कोर्ट आज सुनाएगी फैसला, 28 आरोपी दोषी करार

कासगंज तिरंगा यात्रा में साल 2018 में चंदन गुप्ता की हुई हत्या मामले में एनआईए कोर्ट आज फैसला सुनाएगी. इस मामले में 28 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. 

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Chandan Gupta Murder Case
Courtesy: x

Chandan Gupta Murder Case: कासगंज के तिरंगा यात्रा हत्याकांड में 6 साल, 11 महीने और 7 दिन के इंतजार के बाद, एनआईए की विशेष अदालत ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है. 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शुक्रवार को अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोषियों को सजा सुनाएगी.

एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने इस मामले में निर्णय सुनाया. अदालत ने दोषी ठहराए गए आरोपी सलीम के खिलाफ गैर-जमानतीय अधिपत्र (एनबीडब्ल्यू) जारी करने का भी आदेश दिया. इस मामले में दो आरोपियों को बरी किया गया है, जबकि एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है.

तिरंगा यात्रा में चंदन को मारी गई थी गोली

यह घटना तब हुई जब 26 जनवरी 2018 को कासगंज में 100 से अधिक लोग तिरंगा यात्रा में शामिल हो रहे थे, जिसमें चंदन भी शामिल था. यात्रा के दौरान बड्डूनगर में दो पक्षों के बीच पथराव शुरू हुआ और देखते-देखते दंगा भड़क गया. इस दौरान चली गोली से चंदन गुप्ता की मौत हुई थी. 

इस फैसले के बाद चंदन के माता-पिता ने न्यायपालिका पर विश्वास जताया. मां संगीता गुप्ता ने कहा, "चंदन का शव तिरंगे में लिपटा मेरी आंखों में हमेशा रहता है." उन्होंने बताया कि चंदन के पिता सुशील गुप्ता और भाई विवेक ने उसकी हत्या के बाद न्याय के लिए दिन-रात संघर्ष किया. इस दौरान कई दोस्त अपने बयान से पलट गए, जिससे परिवार को दुख हुआ, लेकिन एक दोस्त सौरभ पाल ने उनका साथ नहीं छोड़ा.

मां ने त्यागा अन्न-जल

चंदन के पिता सुशील गुप्ता ने कहा कि उन्हें चैन तब मिलेगा जब उनके बेटे को न्याय मिलेगा. साथ ही, उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से चंदन की आत्मा को शांति मिलेगी. इस बीच, मां संगीता ने अन्न-जल त्यागकर अखंड ज्योति जलाने का निर्णय लिया और केवल अदालत के फैसले के बाद अन्न ग्रहण करने का संकल्प लिया. 

26 जनवरी 2018 को हुई थी चंदन की हत्या

26 जनवरी 2018 को चंदन के घर पर पूजा थी, लेकिन वह तिरंगा यात्रा में शामिल होने के लिए घर से निकल पड़ा. उसकी मां चाहती थीं कि वह घर पर पूजा की तैयारियों में मदद करे, लेकिन चंदन ने अपनी यात्रा को प्राथमिकता दी. घटना के बाद, चंदन के पिता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई और एसआईटी ने मामले में 31 लोगों को आरोपी ठहराया. बाद में यह केस एनआईए कोर्ट भेजा गया, जहां 2 जनवरी को दोषी करार दिया गया. 

इन लोगों को सजा और दो लोग बरी

कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार किया, जिनमें से कुछ प्रमुख आरोपी- वसीम जावेद, नसीम जावेद, मोहम्मद जाहिद कुरैशी, आसिफ कुरैली, असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शवाब अली खान, राहत, सलमान और सलीम हैं. वहीं, असीम कुरैशी और नसीरुद्दीन को बरी कर दिया गया.