सीतामढ़ी जिले में HIV संक्रमण की संख्या लगातार बढ़ रही है. रिपोर्ट के अनुसार अब तक 7400 पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं, जिनमें 400 से अधिक नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं.
हर महीने 40-60 नए मामले दर्ज हो रहे हैं. डॉक्टर हसीन अख्तर का कहना है कि माइग्रेशन और जागरूकता की कमी इस विस्फोट का मुख्य कारण हैं. प्रशासन ने अब जागरूकता बढ़ाने और गांव-गांव HIV परीक्षण करने की योजना बनाई है.
सीतामढ़ी में अब तक कुल 7400 HIV पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं. इनमें नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं. हर महीने नए मामलों की संख्या 40-60 के बीच है. जिला अस्पताल और एआरटी सेंटर में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. अधिकांश मरीज बिहार से बाहर इलाज करवाते हैं, जबकि 5000 मरीज एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं.
सदर अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉक्टर हसीन अख्तर ने कहा कि सभी HIV पॉजिटिव मरीजों को निगेटिव साथी से शादी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान के बावजूद संक्रमण की दर बढ़ रही है. डॉक्टरों का मानना है कि माइग्रेटिंग लोग और सुरक्षित यौन व्यवहार का अभाव संक्रमण फैलने का मुख्य कारण है.
सीतामढ़ी के एआरटी सेंटर के अनुसार बच्चों में HIV संक्रमण आम तौर पर माता-पिता से मिला है. बच्चों में संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक कदम अभी पर्याप्त नहीं हैं. प्रशासन ने बच्चों की नियमित जांच और रोगी पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही माता-पिता और परिवार के सदस्यों को भी प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल किया जा रहा है.
जिला प्रशासन ने गांव-गांव जाकर HIV टेस्ट करने और लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक करने का निर्णय लिया है. एआरटी सेंटर के माध्यम से विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों को तेज किया जा रहा है. लोगों को सुरक्षित यौन व्यवहार, नियमित परीक्षण और समय पर इलाज लेने की सलाह दी जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि HIV संक्रमण को नियंत्रित किया जाए और मरीजों को समय पर इलाज मिले. प्रशासन माइग्रेटिंग लोगों पर भी विशेष ध्यान दे रहा है. हालांकि अभी चुनौती बड़ी है क्योंकि नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं और बच्चों में भी संक्रमण फैल रहा है.