उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी का जलस्तर अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गया है, जो अब विश्व प्रसिद्ध ताजमहल की दीवारों तक पहुंच चुका है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में नदी का उफनता पानी इस ऐतिहासिक स्मारक के करीब दिखाई दे रहा है, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर काफी आकर्षित किया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना का बढ़ता जलस्तर न केवल ताजमहल के आसपास के घाटों और बुनियादी ढांचे को प्रभावित कर रहा है, बल्कि नदी किनारे बसे घरों में भी पानी घुसने लगा है. स्थानीय इतिहासकार राज किशोर राजे ने कहा,'' यह स्थिति चिंताजनक है, लेकिन ताजमहल को ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए बनाया गया है.”
#WATCH | Agra, UP | Water level of the Yamuna river in the area around the iconic Taj Mahal increases following heavy rainfall. (07.09) pic.twitter.com/CHtVOO3LdE
— ANI (@ANI) September 8, 2025Also Read
- 'लाल किले से 3 कलश की हुई थी चोरी', हापुड़ में पुलिस के हत्थे चढ़ा 'झोले वाला चोर', पूछताछ में किया बड़ा खुलासा
- प्यार में पागल मामी-भांजे ने पति की हत्या कर 12 किलो नमक में दफनाया, 10 महीने बाद ऐसे खुला राज, दोनों हुए गिरफ्तार
- Ghazipur PET Exam Fraud: PET परीक्षा में बड़ा खुलासा, भाई की जगह परीक्षा देने आया फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार, ऐसे खुली पोल
बाढ़ के क्या हैं कारण और प्रभाव!
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में निचले हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा है. जिला प्रशासन ने पुष्टि की कि नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर चुका है. दशहरा घाट और यमुना कॉरिडोर के पास नदी किनारे के कई हिस्से जलमग्न हो चुके हैं, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है.
2023 में भी यमुना का जलस्तर इसी स्तर तक पहुंचा था, लेकिन ताजमहल को कोई नुकसान नहीं हुआ था. राजे ने आश्वासन दिया कि ताजमहल का स्ट्रक्चर काफी मजबूत है और इसे प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है.
प्रशासन ने शुरु की तैयारियां
आगरा जिला प्रशासन ने बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए एक कंट्रोल रूम को स्थापित किया है और हालात पर लगातार नजर नजर रखी जा रही है. यदि जलस्तर 206 मीटर को पार करता है, तो क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है, जिसके लिए निकासी की तैयारियां शुरू की गई हैं.