उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में हिस्सा लेने के लिए महामंडलेश्वर अवधूत बाबा, जिन्हें 'पर्यावरण बाबा' के नाम से भी जाना जाता है, शनिवार को पहुंचे. बाबा ने यहां अपने पर्यावरण से जुड़े कार्यों के बारे में बात की और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की. महाकुंभ हर बार 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है, और इस बार यह 12 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. इस मौके पर बाबा ने अपने अनुयायियों और समाज को पेड़ लगाने का संदेश दिया.
पर्यावरण बाबा का पेड़ लगाने का अभियान
पर्यावरण बाबा ने ANI से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने अब तक 82 यज्ञ-हवन किए हैं और इसके अलावा, उनके अनुयायी 30 देशों से आकर भारत में 1 करोड़ से अधिक पेड़ लगाने का संकल्प ले चुके हैं. उन्होंने बताया कि 2016 में वैष्णो देवी से कन्याकुमारी तक के मार्च के दौरान लगभग 27 राज्यों में पेड़ लगाए गए थे. इसके बाद ही उन्हें 'पर्यावरण बाबा' का नाम मिला. बाबा ने यह भी कहा, “सनातन धर्म में यह सिखाया जाता है कि हर व्यक्ति को दो पेड़ लगाना चाहिए. एक पेड़ हमारे अंतिम संस्कार के लिए और दूसरा पीपल का पेड़ ऑक्सीजन के लिए. अगर हर व्यक्ति यह कार्य करेगा तो हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं.”
#WATCH | Prayagraj, UP | Mahamandaleshwar Avdhoot Baba alias 'Environment Baba' says, "... My devotees from almost 30 countries have resolved to plant more than 1 crore trees in our country. In 2016, during a march from Vaishnodevi to Kanyakumari, we planted trees in almost 27… https://t.co/nxtCoKneMn pic.twitter.com/G4BPARQhTH
— ANI (@ANI) January 11, 2025
कोविड के दौरान बाबा की विशेष गतिविधियाँ
पर्यावरण बाबा ने कोविड-19 के दौरान भी अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा, “मैं रिषिकेश में अपने विशेष वाहन से घूमता था और जहां भी मैं यज्ञ करता था, वहां एक किलोमीटर के दायरे में कोविड-19 का कोई मामला नहीं था.”
महाकुंभ में भारी संख्या में श्रद्धालु
प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. यह कुम्भ मेला लाखों लोगों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का होता है, जहां लाखों लोग संगम में स्नान करने आते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं.
रुद्राक्ष बाबा की उपस्थिति
महाकुंभ में एक और प्रमुख संत, बाबा दिगंबर अजय गिरी उर्फ 'रुद्राक्ष बाबा' भी पहुंचे. वे निरंजनी पंचायती अखाड़े के सदस्य हैं. उन्होंने ANI से बातचीत करते हुए रुद्राक्ष के महत्व के बारे में बताया. रुद्राक्ष को भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न माना जाता है, और उनके अनुसार, 11,000 रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति भगवान शिव के रुद्र अवतार के समान बन जाता है.