उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश के सभी 975 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अब रक्त जांच से लेकर अल्ट्रासाउंड तक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को 25 करोड़ रुपये का विशेष बजट स्वीकृत किया गया है. यह कदम मरीजों को न सिर्फ बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देगा बल्कि जिला अस्पतालों पर मौजूद भारी भीड़ का दबाव भी कम करेगा. अनुमान है कि नए साल से मरीजों को ये सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएंगी.
सरकार द्वारा जारी 25 करोड़ रुपये के बजट से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी मशीनें और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. अब तक जहां सिर्फ प्राथमिक इलाज होता था, वहीं अब खून की सभी जांचें और अल्ट्रासाउंड सुविधा भी मिलेगी. इससे ग्रामीण मरीजों को समय पर निदान का विकल्प मिलेगा.
संयुक्त सचिव आनंद कुमार राय के शासनादेश के अनुसार, एक पैथोलॉजी में लगभग 150 से अधिक प्रकार की रक्त जांचें संभव होती हैं. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने बताया कि इन जांचों के उपलब्ध होने से बीमारियों की पहचान में आसानी होगी और मरीजों को व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी.
निजी कंपनियां जांचों के लिए जरूरी रियेजेंट उपलब्ध कराती हैं, जिनकी खरीद अस्पतालों को खुद करनी होती है. नए बजट से यह खरीद अब सुचारु रूप से हो सकेगी, जिससे जांचों में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी और मरीजों को समय पर रिपोर्ट मिल पाएगी.
समय पर जांच होने से बीमारियों का निदान तेजी से होगा और उपचार में देरी नहीं होगी. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि नई सुविधाओं के बाद मरीजों को बाहरी लैब या अन्य जगहों पर जाने की जरूरत कम होगी. इससे इलाज की गुणवत्ता भी सुधरेगी.
स्वास्थ्य महानिदेशक के अनुसार, जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी मूलभूत जांचें उपलब्ध होंगी तो जिला अस्पतालों पर आने वाला अतिरिक्त दबाव खत्म होगा. इससे बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और मरीजों की परेशानी भी कम होगी.