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अयोध्या के 'राम' को नहीं खिला पाएंगे बाहर का प्रसाद, मुख्य पुजारी ने दिया अल्टीमेटम!

Tirupati Laddu row: तिरुपति मंदिर के लड्डू विवाद के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में बनें मंदिर में चढ़ने वाले बाहरी प्रसाद पर बैन लगाने की मांग की जा रही है. अयोध्या के राम मंदिर के प्रमुख पुजारी ने इस संबंध में अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि पुजारियों की देखरेख में मंदिर का प्रसाद बने और बाहरी प्रसाद पर बैन लगे.

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Edited By: India Daily Live
Ram Mandir
Courtesy: Social Media

Tirupati Laddu row: तिरुपति के लड्डुओं में जानवरों की जर्बी की कथित मौजूदगी ने देश के विभिन्न मंदिरों के पुजारियों की चिंता बढ़ा दी है. इसी कड़ी में अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने गुरुवार को देशभर में बिकने वाले घी की शुद्धता पर सवाल उठाया और कहा कि प्रसाद केवल मंदिर के पुजारियों की देखरेख में ही तैयार किया जाना चाहिए. उन्होंने बाहर का प्रसाद मंदिर के अंदर ले आने पर भी बैन लगाने की मांग की है. कई संतों ने राम मंदिर में बाहर से लाए जाने वाले प्रसाद पर बैन लगाने की मांग का समर्थन किया है.

आचार्य सत्येंद्र दास ने सभी प्रमुख मंदिरों और मठों में बाहर की दुकानों में तैयार किए गए प्रसाद पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया.

पुजारियों ने दिया अल्टीमेटम

पीटीआई ने उनके हवाले से कहा, "तिरुपति बालाजी के प्रसाद में कथित तौर पर वसा और मांस के इस्तेमाल को लेकर विवाद पूरे देश में बढ़ रहा है. संत और भक्त दोनों ही गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं."

देश भर के सभी मठों और मंदिरों से अपील करते हुए आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "देवताओं के लिए प्रसाद मंदिर के पुजारियों की देखरेख में तैयार किया जाना चाहिए और केवल ऐसा प्रसाद ही देवताओं को चढ़ाया जाना चाहिए."

तेल की शुद्धता पर उठ रहे सवाल

उन्होंने देश भर में बिकने वाले तेल और घी की शुद्धता की जांच के महत्व को दोहराया और आरोप लगाया कि प्रसाद में मांस और चर्बी मिलाकर देश के मठों और मंदिरों की पवित्रता को कमजोर करने की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश चल रही है. बाजार में उपलब्ध तेल और घी की शुद्धता की सख्त जांच की जानी चाहिए. 

बीते दिनों टीडीपी की ओर से एक लैब रिपोर्ट जारी करके आरोप लगाया गया था कि आंध्र प्रदेश की पूर्व सराकर में तिरपति मंदिर में बनने वाले लड्डू में पशुओं की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल होता था. इसके बाद से ही ये मुद्दा पूुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है.