'भारत के मंदिरों में ताकत होती तो...', इंद्रजीत सरोज के विवादित बयान पर क्या बोले अखिलेश यादव
सपा के राष्ट्रीय महासचिव और मंझनपुर विधायक इंद्रजीत सरोज ने मंदिरों की शक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा था, "अगर भारत के मंदिरों में कोई ताकत होती तो मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी और मोहम्मद गौरी जैसे लुटेरे देश में नहीं आते."

समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इंद्रजीत सरोज के भारत के मंदिरों पर दिए गए विवादास्पद बयान ने सियासी हलचल मचा दी है. इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी और पार्टी को इतिहास से जुड़े सवालों से बचने की सलाह दी है.
अखिलेश यादव ने इंद्रजीत सरोज और रामजी लाल सुमन के बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा, "मैंने उनका बयान नहीं सुना है, न ही रामजी लाल सुमन का बयान सुना है, लेकिन मैं पार्टी में कहूंगा कि इतिहास से संबंधित कोई सवाल नहीं उठाना चाहिए... मैं चाहता हूं कि अगर इतिहास की बातें हमें अच्छा रास्ता नहीं दिखा सकतीं, अगर यह हमें सकारात्मक दिशा में नहीं ले जा सकतीं, तो इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए. इतिहास पर चर्चा नहीं होनी चाहिए... समाजवादियों ने इतने प्रगतिशील काम किए हैं, इतनी प्रगतिशील बातें कही हैं..."
क्या बोले थे इंद्रजीत सरोज
सपा के राष्ट्रीय महासचिव और मंझनपुर विधायक इंद्रजीत सरोज ने मंदिरों की शक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा था, "अगर भारत के मंदिरों में कोई ताकत होती तो मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी और मोहम्मद गौरी जैसे लुटेरे देश में नहीं आते." उन्होंने आगे कहा, "ताकत सिर्फ सत्ता के मंदिर में है." मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए सरोज ने कहा, "बाबा अपना मंदिर छोड़कर सत्ता के मंदिर में विराजमान हैं. हेलिकॉप्टर में चलते हैं." उन्होंने यह भी कहा, "लुटेरे आए थे और लूट ले गए. क्या कर रहे थे देवी-देवता उस समय? देवी-देवता ताकतवर नहीं थे. हमारे भगवान तो अंबेडकर हैं."
सियासी विवाद
इंद्रजीत सरोज के इस बयान ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं. जहां कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला मान रहे हैं, वहीं सपा ने इस पर टिप्पणी से बचने की कोशिश की है. अखिलेश के बयान से साफ है कि वह इस विवाद को और तूल नहीं देना चाहते.
अखिलेश यादव का यह बयान सपा की रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वह इतिहास और धर्म जैसे संवेदनशील मुद्दों से दूरी बनाकर प्रगतिशील एजेंडे पर ध्यान देना चाहते हैं. यह मामला आने वाले दिनों में और चर्चा का विषय बन सकता है.