उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बार फिर ट्रेन को उड़ाने की साजिश सामने आई है. कानपुर देहात जिले में रेलवे ट्रैक पर छोटा वाला एक छोटा वाला गैस सिलेंडर मिला था, जिससे टकराने के बाद कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था. जानकारी के मुताबिक, नॉर्थर्न सेंट्रल रेलवे के प्रयागराज डिवीजन के पेरम्बूर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर एलपीजी का छोटा सिलेंडर मिला था. यहां से एक मालगाड़ी गुजरने वाली ही थी कि लोको पायलट ने उससे पहले ही मालगाड़ी को रोक दिया, जिसकी वजह से एक बड़ा हादसा टल गया.
जिस जगह रेलवे ट्रैक पर पांच किलो की क्षमता वाला एलपीजी का खाली सिलेंडर रखा हुआ पाया गया है. उन्होंने बताया कि ट्रेन की स्पीड काफी धीमी थी. लोको पायलट ने जब सिलेंडर को देखा तो इमरजेंसी ब्रेक लगाया और उसके बाद अधिकारियों को इसकी सूचना दी. इस मामले में आरपीएफ ने जांच शुरू कर दी है. साथ ही इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को भी दी गई है.
बता दें कि बीते आठ सितंबर की रात करीब 8.30 बजे कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को ब्लास्ट कर उड़ाने की साजिश सामने आई थी. प्रयागराज से भिवानी की ओर जाने वाली कालिंदी एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे एलपीजी गैस से भरे सिलेंडर टकराई थी. उसके बाद तेज आवाज भी हुई और सिलेंडर पटरी से लुढ़क के किनारे चला गया.
Uttar Pradesh: A goods train going from Kanpur towards Prayagraj was stopped using the emergency brakes after the driver spotted a gas cylinder lying on the tracks, at Prempur Station at 5:50 am today (September 22). Railway IOW (Inspector of work), security and other teams… pic.twitter.com/0zwohXABdt
— ANI (@ANI) September 22, 2024
इतना ही नहीं घटनास्थल पर पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस के साथ बारूद भी मिला था. इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी. इसके अलावा यूपी एटीएस, पुलिस और जीआरपी भी जांच कर रही है.
अगस्त से, उत्तर प्रदेश में रेलवे को बाधित करने के लिए कम से कम छह कथित प्रयास किए गए हैं.
16 सितंबर की तड़के, दिल्ली जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (12561) के लोको-इंजन में खराबी आ गई, जब यह गाजीपुर घाट और गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन के बीच रेल पटरी पर पड़े लकड़ी के लट्ठे से टकरा गई. एक्सप्रेस के रुकने से पहले लट्ठा लगभग आधा किमी तक घसीटा गया. ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी और आपातकालीन ब्रेक के बाद भी ये टक्कर से नहीं बच सकी.
10 सितंबर को गाजीपुर घाट और गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन ट्रैक के बीच तीन लोगों ने बजरी रखी थी और प्रयागराज-बलिया यात्रियों पर पथराव किया था. अगले दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
इसी तरह की एक और नापाक तोड़फोड़ की घटना में फर्रुखाबाद में किसान नेता के बेटे समेत दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन लोगों ने 24 अगस्त को भटासा और शमशाबाद रेलवे स्टेशनों के बीच कानपुर-कासगंज रूट पर लकड़ी का लट्ठा रखकर कासगंज-फर्रुखाबाद पैसेंजर ट्रेन (05389) को पटरी से उतारने की कोशिश की थी.
17 अगस्त की सुबह-सुबह वाराणसी से अहमदाबाद जा रही 22 कोच वाली साबरमती एक्सप्रेस कानपुर के पास पटरी से उतर गई थी, जब इंजन एक मीटर लंबे पुराने जंग लगे रेल के टुकड़े से टकरा गया था.