कौन हैं जैसलमेर के जलालुद्दीन, उपराष्ट्रपति पद के लिए भरा पर्चा, एक वोट से हार चुके हैं चुनाव
जलालुद्दीन का राजनीति के प्रति प्रेम कोई नई बात नहीं है. उनका यह जुनून वर्षों पुराना है, जो समय-समय पर उनके द्वारा लड़े गए विभिन्न चुनावों में झलकता रहा है. साल 2009 में उन्होंने जैसलमेर जिले की आसुतार बांधा पंचायत से वार्ड पंच का चुनाव लड़ा था, लेकिन बेहद करीबी मुकाबले में उन्हें मात्र एक वोट से हार का सामना करना पड़ा.
उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है. राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक युवा छात्र ने उपराष्ट्रपति के लिए पर्चा भरा रहा है. 38 वर्षीय जलालुद्दीन जो वर्तमान में जयपुर के हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पढाई कर रहे हैं. सोमवार को राज्यसभा पहुंचकर 15 हजार रुपये की जमानत राशि के साथ उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
जलालुद्दीन का राजनीति के प्रति प्रेम कोई नई बात नहीं है. उनका यह जुनून वर्षों पुराना है, जो समय-समय पर उनके द्वारा लड़े गए विभिन्न चुनावों में झलकता रहा है. साल 2009 में उन्होंने जैसलमेर जिले की आसुतार बांधा पंचायत से वार्ड पंच का चुनाव लड़ा था, लेकिन बेहद करीबी मुकाबले में उन्हें मात्र एक वोट से हार का सामना करना पड़ा. इस हार ने उनके हौसले को डिगाने के बजाय और मजबूत किया. इसके बाद, 2013 में उन्होंने जैसलमेर विधानसभा सीट से और 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया, हालांकि दोनों बार उन्होंने अपने नामांकन वापस ले लिए.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा
इस बार, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए जब नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई, तो जलालुद्दीन ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया. उन्होंने 11 अगस्त को निर्वाचन आयोग में अपना नामांकन पत्र जमा किया.
चुनाव लड़ने का शौक
जलालुद्दीन का कहना है की मुझे चुनाव लड़ने का शौक है. मैं जानता हूं कि मेरा नामांकन रद्द हो जाएगा, लेकिन मैंने फिर भी नामांकन दाखिल किया है. उन्होंने यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव में भी भाग लेने की कोशिश की थी. उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है और चुनाव 9 सितंबर को होंगे.