राजस्थान में मानसून का जोर जारी है और लगातार हो रही भारी बारिश ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. बंगाल की खाड़ी से उठा डिप्रेशन अब मध्य प्रदेश होते हुए राजस्थान तक असर दिखा रहा है. रविवार को बारां, पाली, प्रतापगढ़ और सिरोही समेत कई जिलों में 2 से 6 इंच तक बारिश रिकॉर्ड की गई. हालात को देखते हुए बारां, अंता, बांसवाड़ा, कोटा, डूंगरपुर, झालावाड़, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक और चित्तौड़गढ़ जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है.
इस बीच बीसलपुर बांध में लगातार बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए उसके 6 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे पानी छोड़ा जा रहा है. जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने 28 जुलाई को राज्य के 10 से अधिक शहरों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. आने वाले दिनों में बारिश और तेज होने की आशंका जताई गई है.
मौसम विभाग ने जयपुर, सिरोही, जालौर, राजसमंद, अजमेर, श्रीगंगानगर, झुंझुनू, पाली, नागौर, बीकानेर, जोधपुर, चूरू, सीकर और भीलवाड़ा जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. विभाग के मुताबिक 29 और 30 जुलाई को भी तेज बारिश की संभावना है. कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है.
पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश बारां जिले के अटरू में 143 मिमी दर्ज की गई. इसके अलावा प्रतापगढ़ के सुहागपुरा में 75 मिमी, पाली के सुमेरपुर में 64 मिमी और सिरोही के शिवगंज में 63 मिमी बारिश हुई. प्रतापगढ़ शहर में 43 मिमी, बाली में 87 मिमी, किशनगंज में 57 मिमी और छीपाबड़ौद में 54 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई.
— मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर (@IMDJaipur) July 28, 2025
तेज बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. राज्य के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है. सिरोही में न्यूनतम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो राज्य में सबसे कम रहा. वहीं जैसलमेर में अधिकतम तापमान 39.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकतर जिलों में हवा में आर्द्रता 40 से 80 प्रतिशत के बीच रही.
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से उठा डिप्रेशन पूर्वी मध्य प्रदेश पहुंच गया है और अब कमजोर होकर राजस्थान की ओर बढ़ रहा है. साथ ही, मानसून की ट्रफ लाइन अब बीकानेर और कोटा से होकर गुजर रही है, जिससे पूरे राज्य में भारी बारिश की स्थिति बन गई है.
मौसम विभाग ने लोगों को जलजमाव, निचले इलाकों में पानी भरने, बिजली गिरने और यातायात बाधित होने जैसी परिस्थितियों को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है. जिन जिलों में स्कूल बंद किए गए हैं, वहां हालात सामान्य होने तक निर्णय लागू रहेगा.