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India Daily

मौत से हार गया, लेकिन अंगदान कर 3 लोगों को दे गया नई जिंदगी, 18 की उम्र में मर कर भी 'अमर' हो गया रोहन

राजस्थान के जयपुर जिले के 18 वर्षीय युवक रोहन शर्मा ने सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन अपने अंगदान के जरिए तीन जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी दे गया. एसएमएस अस्पताल में उसकी दोनों किडनी और लिवर का सफल प्रत्यारोपण किया गया, जिससे अजमेर, हनुमानगढ़ और जयपुर के मरीजों को जीवनदान मिला.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
Donates Organs
Courtesy: web

जयपुर जिले के गोविंदगढ़ इलाके के चीथवाड़ा गांव के गगोरिया की ढाणी निवासी रोहन शर्मा की उम्र सिर्फ 18 साल थी. जिंदगी की दहलीज पर खड़ा यह युवक 24 अगस्त को हुए एक सड़क हादसे का शिकार हो गया. हादसे के बाद कई दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझते हुए आखिरकार डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद उसके परिवार ने बड़ा फैसला लेते हुए उसके अंग दान कर दिए. रोहन भले ही इस दुनिया से चला गया, लेकिन उसकी यादें और उसका योगदान तीन परिवारों की सांसों में हमेशा जिंदा रहेगा.

24 अगस्त को रोहन अपने साथी रोशन शर्मा के साथ बाइक पर घर लौट रहा था. रास्ते में उनकी बाइक को एक भारी वाहन ने टक्कर मार दी. हादसा इतना भीषण था कि रोहन गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे तुरंत जयपुर के ट्रोमा अस्पताल में भर्ती कराया गया. कई दिनों तक इलाज के बाद भी 30 अगस्त की रात डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. 

अंगदान के लिए परिवार का बड़ा फैसला

डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन ने रोहन के परिवार से अंगदान की अपील की. हालांकि यह फैसला बेहद कठिन था, लेकिन परिवार ने इंसानियत और दूसरों की जिंदगी बचाने की भावना से प्रेरित होकर रोहन की दोनों किडनी और लिवर दान करने की सहमति दे दी. हालांकि हार्ट डोनेट करने से परिवार ने मना कर दिया. अंगदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद रविवार सुबह रोहन का पार्थिव शरीर परिजनों को सौंप दिया गया.

तीन मरीजों को मिला जीवनदान

एसएमएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया सफल रही. अजमेर निवासी 42 वर्षीय पुरुष को रोहन की एक किडनी दी गई, जबकि हनुमानगढ़ की 60 वर्षीय महिला को दूसरी किडनी मिली. वहीं जयपुर के ब्रह्मपुरी इलाके के 47 वर्षीय पुरुष मरीज को रोहन का लिवर प्रत्यारोपित किया गया. इन तीनों मरीजों को नई जिंदगी मिलने के बाद अस्पताल में भावुक माहौल बन गया.

चिकित्सकों और अधिकारियों की मौजूदगी

नोडल अधिकारी डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस तरह के अंगदान समाज के लिए प्रेरणादायी हैं. रोहन भले ही छोटी उम्र में दुनिया छोड़ गया हो. लेकिन उसकी इंसानियत और त्याग का उदाहरण हमेशा याद रखा जाएगा. पूरे प्रत्यारोपण कार्यक्रम के दौरान एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. गिरधर गोयल, ऑप्टिमाइजेशन प्रभारी डॉ. चित्रा सिंह और को-ऑर्डिनेटर प्रभारी रामप्रसाद मीणा मौजूद रहे.