BSF New Recruitment 2025: केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) की शक्ति और क्षमता को और बढ़ाने के लिए 4,000 नई भर्तियों को मंजूरी दी है. यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ की सराहनीय भूमिका और पश्चिमी सीमा पर बढ़ते सुरक्षा खतरों को देखते हुए लिया गया है. नई भर्तियों के जरिए पाकिस्तान बॉर्डर पर सुरक्षा घेरा और मज़बूत होगा, जिससे घुसपैठ और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों पर कड़ा अंकुश लगेगा.
वर्तमान में BSF के पास 2.18 लाख जवान हैं, जो देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में कार्य करते हैं. उद्देश्य पश्चिमी सीमा पर निगरानी क्षमता को बढ़ाना और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से सीमा पार से होने वाले खतरों का तुरंत जवाब देना है. इन भर्तियों में कांस्टेबल से लेकर तकनीकी पदों तक के जवान शामिल होंगे, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण देकर सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैयार किया जाएगा.
बीएसएफ की ताकत बढ़ाने का यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद आया है. इस ऑपरेशन में बीएसएफ ने जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात सीमा तक सेना के साथ बेहतरीन तालमेल दिखाते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था. इसके बाद सरकार ने महसूस किया कि पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा बलों की संख्या और बढ़ाना समय की मांग है.
नई भर्तियों का प्राथमिक उद्देश्य पाकिस्तान बॉर्डर पर सुरक्षा को और मज़बूत करना है. यहां घुसपैठ, हथियारों की तस्करी और नशे के कारोबार जैसी चुनौतियां लगातार बनी रहती हैं. अतिरिक्त नफरी की तैनाती से BSF की गश्त और निगरानी प्रणाली और प्रभावी होगी. इससे न केवल सीमा पार से होने वाली गतिविधियों पर रोक लगेगी, बल्कि स्थानीय लोगों का भी सुरक्षा पर भरोसा मजबूत होगा.
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, नई भर्ती होने वाले जवानों को आधुनिक तकनीकों और रणनीतियों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें ड्रोन सर्विलांस, नाइट विज़न उपकरण और हाई-टेक कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल शामिल होगा. इससे जवान किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे.
गृह मंत्रालय ने पहले बीएसएफ में 15 हजार नए पदों का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा था, लेकिन लंबी प्रक्रिया के बाद फिलहाल 4,000 पदों को मंजूरी दी गई है. हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि आने वाले समय में शेष पदों के लिए भी अनुमति मिल सकती है. इन 4,000 नई भर्तियों के जुड़ने से BSF की ऑपरेशनल क्षमता और भी मजबूत होगी.