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'हथियारों से लैस आतंकवादियों को जिंदा गिरफ्तार करना भी एनकाउंटर', पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने किस मामले में सुनाया बड़ा फैसला?

Punjab Haryana HC on Encounter: बठिंडा निवासी सोनम कंबोज ने एक याचिका दायर की थी. याचिका में सोनम की ओर से पंजाब पुलिस भर्ती में उस आरक्षित श्रेणी में आवेदन करने की बात कही गई थी. जो कम से कम तीन एनकाउंटर में हिस्सा लेने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को दी जाती है.

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Edited By: Reepu Kumari
Punjab Haryana HC on Encounter
Courtesy: Pinterest

Punjab Haryana HC on Encounter: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एनकाउंटर को लेकर एक बड़ा अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने साफ-साफ शब्दों में आदेश देते हुए कहा कि हथियारों से लैस आतंकियों को अगर जिंदा भी पकड़ा जाता तो भी वह एनकाउंटर’ की श्रेणी में आएगा. कोर्ट की मानें तो अगर पुलिसकर्मी आतंकियों को मारने के बजाए उन्हें जिंदा पकड़ती है तो उसे बहादुरी व कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण माना जाएगा.

इतना ही नहीं अदालत ने भी आदेश दिया कि ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को भर्ती में आरक्षण का लाभ भी मिलेगा. ये फैसला जस्टिस जगमोहन बंसल ने सुनाया है. चलिए जानते हैं आखिर मामला क्या था.

क्या था मामला?

बठिंडा निवासी सोनम कंबोज ने एक याचिका दायर की थी. याचिका में सोनम की ओर से पंजाब पुलिस भर्ती में उस आरक्षित श्रेणी में आवेदन करने की बात कही गई थी. जो कम से कम तीन एनकाउंटर में हिस्सा लेने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को दी जाती है. याचिकाकर्ता की ओर से समर्थन में डीआइजी पटियाला रेंज द्वारा जारी प्रमाणपत्र को भी पेश किया गया था. डीजीपी की समिति ने उनकी पात्रता को खारिज कर दी थी. समिति के अनुसार सोनम उसका लाभ लेने के लिए एलिजिबल नहीं थी, क्योंकि उनके पिता केवल दो एनकाउंटरों में ही शामिल हुए थे. चौथे केस में केवल चार आतंकियों को अरेस्ट किया गया था. इसमें ना गोलीबारी हुई थी ना किसी की जान गई थी. समिति के अनुसार उसे एनकाउंटर नहीं माना जाएगा.

हाई कोर्ट राज्य सरकार के तर्क ठुकराया

राज्य सरकार के इस तर्क को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही इस प्रावधान का असली उद्देश्य को समझाया. कोर्ट के अनुसार साल 1996 की नीति एक लाभकारी प्रावधान है. नीति का मकसद ऐसे बहादुर पुलिस अधिकारियों को प्रोत्साहित करना है जो अपना काम ईमानदारी से करते हैं. अदालत ने साफ किया कि ‘एनकाउंटर’ का अर्थ केवल गोलीबारी या हताहत होना नहीं है. अगर पुलिस की ओर से हथियारों और आपत्तिजनक सामग्री के साथ आतंकियों को अरेस्ट किया गया था फिर भी वह एनकाउंटर की श्रेणी में ही आएगा.

सोनम कंबोज के पक्ष में फैसला

कोर्ट ने सोनम कंबोज के पक्ष में फैसला सुनाया है. साथ ही सोनम को भर्ती में आरक्षण का लाभ देने का आदेश जारी किया है. साथ ही छह सप्ताह के अंदर पुलिस विभाग में नियुक्ति प्रदान को कहा गया है. इसके साथ ही उनकी जॉइनिंग डेट को उनकी वास्तविक ज्वाइनिंग की तारीख मानी जाएगी.