मान सरकार की स्मार्ट गवर्नेंस का कमाल, AI से ₹383 करोड़ की बचत, 10 हजार टीचर्स को मिलेगी AI ट्रेनिंग
पंजाब अब सिर्फ राजनीति से नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी से बदल रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), 5G, लाइव मॉनिटरिंग और डिजिटल टूल्स के जरिए सड़क निर्माण से लेकर जेल सुधार, पुलिसिंग, टैक्स सिस्टम और शिक्षा तक हर क्षेत्र में पारदर्शिता और कार्यकुशलता की नई मिसाल पेश की है. करोड़ों रुपये की बचत और भविष्य की पीढ़ियों को तकनीक से जोड़ना इस क्रांति का सबसे बड़ा परिणाम है.
कल्पना कीजिए, जहां सड़कें सचमुच अच्छी हालत में हों और फिर भी उनकी मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए जाएं. यह सुनकर हैरानी होती है, लेकिन यही हकीकत पंजाब की पिछली सरकारों के दौर की है. अब तस्वीर बदल चुकी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने टेक्नोलॉजी को हथियार बनाकर यह साबित कर दिया है कि ईमानदार नीयत और आधुनिक सोच से न सिर्फ जनता का पैसा बचाया जा सकता है, बल्कि सिस्टम को भी पूरी तरह पारदर्शी बनाया जा सकता है.
पहली बार पूरे पंजाब की सड़कों का सर्वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वीडियोग्राफी से कराया गया. नतीजा चौंकाने वाला था—3,369 सड़कों की जांच में 843 सड़कें बिल्कुल सही हालत में निकलीं. यही वो सड़कें थीं, जिन पर पिछली सरकारों ने मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए थे. इस बार ₹383 करोड़ की बचत हुई. सरकार ने तय किया है कि यह रकम जनता की भलाई के कामों में खर्च होगी, न कि बेवजह के टेंडर और भ्रष्ट ठेकों में.
जेल और पुलिसिंग में हाई-टेक बदलाव
मान सरकार ने जेलों में भी बड़ा सुधार शुरू किया है. 252 करोड़ रुपये की लागत से वहां 5G जैमर, AI कैमरे और लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं. इसका सीधा असर यह होगा कि जेलों के अंदर से अपराध और गैंगस्टर गतिविधियों पर रोक लगेगी. पुलिसिंग में भी तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया गया है. टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता लाई जा रही है, ताकि बिचौलियों और भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही खत्म हो.
भविष्य की पीढ़ी को एआई की ट्रेनिंग
सरकार की सबसे दूरगामी योजना शिक्षा के क्षेत्र में दिखाई देती है. 10,000 शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. ये शिक्षक सिर्फ पढ़ाएंगे नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने वाले पायनियर बनेंगे. लाखों छात्र अब स्कूली स्तर पर ही एआई सीखेंगे. इससे पंजाब का नौजवान नौकरी खोजने वाला नहीं रहेगा, बल्कि खुद रोजगार पैदा करने वाला बनेगा.
कृषि और भाषा: जड़ों से जुड़ा डिजिटल मिशन
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में एआई आधारित कोर्स शुरू किए गए हैं, जिससे खेती से जुड़े परिवार भी तकनीकी शिक्षा हासिल कर सकें. इतना ही नहीं, सरकार पंजाबी भाषा को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में इंटीग्रेट कर रही है. इसका मतलब है कि मातृभाषा को वैश्विक पहचान मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए नए डिजिटल अवसर खुलेंगे.
पंजाब में हो रहा यह बदलाव केवल नीतियों का नहीं, बल्कि सोच का है. अब विकास का मतलब सिर्फ सड़कों और इमारतों तक सीमित नहीं, बल्कि उस तकनीक तक पहुंच है, जो हर नागरिक की जिंदगी को आसान बनाए. भगवंत मान सरकार ने दिखा दिया है कि ईमानदार नीयत और सही दिशा हो, तो जनता का पैसा सुरक्षित भी रहता है और उसका भविष्य भी. यही है नया पंजाब- जहां अब पहचान होगी ईमानदारी और विकास की, न कि घोटालों और भ्रष्टाचार की.
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