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India Daily

किसानों के लिए वरदान बनी पंजाब की भयानक बाढ़, खेतों में बहकर आया सोना! होगी बंपर कमाई

भयानक बाढ़ के बाद खेतों में बहकर आई मिट्टी को पंजाब के किसान मुसीबत मान रहे थे लेकिन अब यही मिट्टी उनके लिए वरदान बनने जा रही है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Punjab Floods Turn Boon for Farmers as Mineral-Rich Soil Promises Bumper Yields
Courtesy: @ril_foundation

Punjab Floods: पंजाब में बाढ़ ने पांच लाख एकड़ फसलों को बर्बाद किया, लेकिन पहाड़ों से आई मिनरल युक्त मिट्टी किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) के विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिट्टी खेतों की उर्वरता बढ़ा सकती है. लुधियाना में किसान मेले में सैकड़ों किसान मिट्टी और पानी की मुफ्त जांच कराने पहुंचे, ताकि गेहूं और सब्जियों की बुवाई से पहले सही फसल चुन सकें.

प्रकृति ने जख्मों पर लगाया मरहम

पंजाब के खेतों में बाढ़ ने जहां तबाही मचाई, वहीं प्रकृति ने एक अनपेक्षित तोहफा भी दे दिया. पहाड़ों से बहकर आई मिट्टी ने खेतों में पांच फीट तक के टीले बना दिए, जिसे किसान पहले मुसीबत मान रहे थे. लेकिन अब विशेषज्ञ बता रहे हैं कि यह मिट्टी मिनरल्स से भरपूर है, जो फसलों की पैदावार को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है. यह कहानी बताती है कि कैसे प्रकृति की मार भी किसानों के लिए उम्मीद की किरण बन सकती है.

मिट्टी में छिपा खजाना

पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. एसएस गोसल के मुताबिक, पहाड़ों से आई मिट्टी में कई पोषक तत्व मौजूद हैं. ये मिनरल्स खेतों की उर्वरता को बढ़ा सकते हैं, लेकिन इसका लाभ उठाने के लिए मिट्टी की जांच जरूरी है. डॉ. गोसल ने बताया कि यह मिट्टी गेहूं और सब्जियों जैसी फसलों के लिए कितनी उपयुक्त है, यह जांच के बाद ही तय होगा. किसानों को निराश होने की जरूरत नहीं, बल्कि सही दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है.

किसान मेले में जांच की सुविधा

लुधियाना में आयोजित दो दिवसीय किसान मेले में गुरदासपुर, अमृतसर, एसबीएस नगर और लुधियाना के सैकड़ों किसान अपनी मिट्टी और पानी के सैंपल लेकर पहुंचे. पीएयू ने मुफ्त जांच की सुविधा दी, जिसमें कई काउंटर बनाए गए. जांच रिपोर्ट किसानों को व्हाट्सएप पर भेजी जा रही है, और वे यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर भी इसे देख सकते हैं. यह पहल किसानों को सूचित निर्णय लेने में मदद कर रही है.

बुवाई से पहले सवाल

अक्टूबर के अंत में गेहूं और सब्जियों की बुवाई शुरू होगी. किसान यह जानना चाहते हैं कि नई मिट्टी उनकी फसलों को नुकसान तो नहीं पहुंचाएगी. क्या रासायनिक खाद की मात्रा कम करनी होगी? पीएयू की जांच इस सवाल का जवाब देगी. किसानों का उत्साह देखते ही बनता है, क्योंकि वे इस मिट्टी को मुसीबत से अवसर में बदलना चाहते हैं. यह उनके लिए नई शुरुआत का मौका हो सकता है.

किसानों की उम्मीदें

यह बाढ़ जहां एक ओर नुकसान लेकर आई, वहीं दूसरी ओर खेतों को समृद्ध करने का अवसर भी दे गई. किसान मेले में उत्साह और जिज्ञासा साफ दिखी, जहां किसान कांच की बोतलों में पानी के सैंपल तक लेकर आए. यह घटना दिखाती है कि किसान कितने जागरूक और भविष्य की सोच रखने वाले हैं. अगर मिट्टी की जांच सकारात्मक रही, तो पंजाब के खेत बंपर पैदावार के साथ फिर से हरे-भरे हो सकते हैं.