मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब डेयरी उद्योग को आधुनिक और लाभकारी बनाने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है. होशियारपुर और तारागढ़ के किसानों को 59 लाख रुपये की आर्थिक सहायता से लेकर पूरे प्रदेश में डेयरी प्रशिक्षण, बीमा और आधुनिक सुविधाओं के विस्तार तक, सरकार एक व्यापक रणनीति पर काम कर रही है.
इसी के साथ वेरका की ब्रांडिंग और बड़े निवेशों से पंजाब खुद को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेयरी बाजार में मजबूत स्थिति में स्थापित करने की तैयारी कर रहा है.
राज्य सरकार ने होशियारपुर और तारागढ़ के पशुपालकों को कुल 59 लाख रुपये दिए हैं. इसमें 17 लाख रुपये राजपुरा में और 42 लाख रुपये तारागढ़ क्षेत्र में वितरित किए गए. इस राशि का उद्देश्य स्थानीय पशु चिकित्सालयों को उन्नत करना और किसानों को मजबूत आर्थिक आधार प्रदान करना है. इसी वर्ष सरकार 204 डेयरी किसानों को तीन करोड़ रुपये की सहायता दे चुकी है, जिससे छोटे और मध्यम डेयरी यूनिटों को बढ़ावा मिला है.
सरकार ने 9,150 बेरोजगार युवाओं को डेयरी प्रशिक्षण देकर स्वरोज़गार का मार्ग खोला है. पशुपालन विभाग के अनुसार, वर्ष 2024-25 में 30,000 से अधिक पशुओं का बीमा किया गया है. किसानों को बीमा योजना के तहत सात करोड़ रुपये की सहायता दी गई. बीमारी या मृत्यु की स्थिति में तुरंत आर्थिक मदद मिलने से किसानों का जोखिम कम हुआ है. शिविरों और सेमिनारों के माध्यम से किसानों को बीमा दावों और पशु स्वास्थ्य प्रबंधन की जानकारी दी जा रही है.
माझा क्षेत्र में 135 करोड़ रुपये की एक बड़ी परियोजना चालू की गई है, जिसका उद्देश्य स्टरलाइज्ड फ्लेवर्ड दूध और दही-लस्सी जैसे उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाना है. इससे राज्य की डेयरी उत्पादन क्षमता कई गुना बढ़ेगी. वेरका ब्रांड को और मजबूत करने के लिए इसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया गया है. नई ब्रांडिंग, शुभंकर ‘वीरा’ और नए उत्पादों की शुरुआत उपभोक्ताओं के बीच वेरका की पकड़ और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है.
केंद्र सरकार की मदद से मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों की खरीद के लिए 100% वित्तीय सहायता दी जा रही है. ये यूनिटें टोल-फ्री नंबर पर उपलब्ध होंगी और किसानों को उनके घर पर ही उपचार, टीकाकरण और छोटे ऑपरेशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी. जिला स्तरीय नैदानिक प्रयोगशालाओं की स्थापना से पशुओं में बीमारियों का जल्दी पता लगाने और इलाज करने की क्षमता बढ़ेगी. इससे निजी परीक्षण खर्च से परेशान किसानों को बड़ी राहत मिलेगी.
मुख्यमंत्री मान ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में पंजाब में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है. राजपुरा में डी ह्यूस कंपनी का 138 करोड़ रुपये का पशु आहार संयंत्र इसका उदाहरण है. इससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला चारा मिलेगा. स्थानीय किसानों ने सरकार की इस पहल को सराहा है और इसे अपनी आय बढ़ाने का बड़ा अवसर बताया है. सरकारी कार्यक्रमों और नए बाजारों में विस्तार से पंजाब का डेयरी उद्योग तेज़ी से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह मजबूत कर रहा है.