पंजाब के लुधियाना में बुधवार देर रात एक हाई-अलर्ट ऑपरेशन तब चर्चा में आ गया जब दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे स्थित लाडोवाल टोल प्लाजा पर पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई. यह कार्रवाई उस टेरर मॉड्यूल के इनपुट के आधार पर की गई, जिसका पर्दाफाश पुलिस एक दिन पहले ही कर चुकी थी. आईएसआई के निर्देश पर चल रहे इस नेटवर्क के बारे में जानकारी मिलते ही पुलिस ने जाल बिछाया, लेकिन घेराबंदी होते ही आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी.
पुलिस को मंगलवार को मिली बड़ी सफलता ने इस मुठभेड़ की नींव रखी थी. एक दिन पहले कुछ संदिग्धों को हैंड ग्रेनेड और अन्य सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में सामने आया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल के दो सदस्य किसी बड़ी साजिश के लिए घूम रहे थे. इनपुट पुख्ता होते ही पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए हाईवे पर ट्रैप तैयार किया.
जैसे ही पुलिस ने संदिग्ध वाहन को रोकने की कोशिश की, आरोपियों ने बिना चेतावनी फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और दोनों आतंकी गंभीर रूप से घायल हो गए. लुधियाना के पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा ने पुष्टि की कि यह मॉड्यूल आईएसआई के इशारे पर सक्रिय था और इसका उद्देश्य किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना था.
🚨🔴 Encounter in Ludhiana
— AsiaWarZone (@AsiaWarZone) November 20, 2025
Shootout at Ladowal Toll Plaza — police recover 2 grenades, 5 pistols, 50 cartridges.
Both injured terrorists have been taken to the hospital. 🇮🇳 pic.twitter.com/Hb3ufgHOM0
मुठभेड़ के बाद पूरे हाईवे क्षेत्र को घेराबंदी कर सुरक्षित किया गया. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और फॉरेंसिक टीम ने गोला-बारूद और हथियारों की जांच शुरू की. आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. प्रशासन ने किसी भी संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए अलर्ट बढ़ा दिया है.
पुलिस का कहना है कि यह मॉड्यूल लंबे समय से एक्टिव था और पाकिस्तान की आईएसआई से निर्देश ले रहा था. शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों को किसी बड़े हमले या खुफिया टारगेट को निशाना बनाना था. फिलहाल पुलिस डिजिटल ट्रेल, संपर्कों और फंडिंग चैनल की जांच कर रही है ताकि नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह उखाड़ी जा सकें.
बीकेआई एक चरमपंथी संगठन है, जिसकी शुरुआत 1978 में हुई थी. खालिस्तान आंदोलन के सबसे सक्रिय और खतरनाक गुटों में शामिल इस संगठन को भारत सरकार ने टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन की सूची में शीर्ष पर रखा है. साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल भी इसे क्षेत्र के सबसे संगठित चरमपंथी समूहों में गिनता है. पंजाब पुलिस का दावा है कि यह कार्रवाई बड़े सम्भावित खतरे को टालने में निर्णायक साबित हुई है.