Punjab: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की निवेश-अनुकूल नीतियों और दूरदर्शी सोच का असर अब स्पष्ट दिखने लगा है. पंजाब को आईटी और तकनीकी विकास का हब बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है. इन्फोसिस का यह निर्णय न केवल उद्योगों के विश्वास को मजबूत करता है बल्कि यह भी साबित करता है कि पंजाब निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक गंतव्य बन चुका है.
सरकार का दावा है कि इस परियोजना से पंजाब के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा. अनुमान है कि करीब 2,500 लोग सीधे तौर पर कंपनी में काम करेंगे, जबकि 210 अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे. इससे आईटी और सेवा क्षेत्र में स्थानीय प्रतिभाओं को मौका मिलेगा और राज्य के पेशेवरों को बाहरी राज्यों या विदेश जाने की बजाय यहीं बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे.
इन्फोसिस ने पहले चरण में लगभग 3,00,000 वर्ग फुट क्षेत्र में अत्याधुनिक दफ्तर और भवन तैयार करने का खाका पेश किया है. खास बात यह है कि यह निर्माण पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल होगा और इसे ‘लीड प्लेटिनम प्रमाणपत्र’ मिलेगा, जिसे ग्रीन बिल्डिंग के क्षेत्र में सर्वोच्च मानक माना जाता है. इस चरण का निर्माण 5 नवंबर को गुरुपुरब के अवसर पर शुरू किया जाएगा और नियामक अनुमतियाँ मिलने के बाद तीन वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है.
पहले चरण के बाद कंपनी पांच वर्षों में दूसरा चरण शुरू करेगी. इसमें लगभग 4,80,000 वर्ग फुट का अतिरिक्त निर्माण होगा. यह कार्य पहले चरण की सफल पूर्णता और सभी आवश्यक कानूनी मंजूरियों के बाद ही आरंभ किया जाएगा. इस तरह परियोजना को क्रमबद्ध और दीर्घकालिक रूप से आगे बढ़ाने की योजना बनाई गई है, जिससे पारदर्शिता और स्थायित्व दोनों सुनिश्चित हों.
इस बड़े निवेश के ऐलान पर कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि इन्फोसिस 2017 से मोहाली में कार्यरत है और फिलहाल यहां 900 कर्मचारी काम कर रहे हैं. अब कंपनी का विस्तार राज्य सरकार की नीतियों और सहयोग का परिणाम है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्वेस्ट पंजाब के सीईओ अमित ढाका, पंजाब विकास परिषद की उपाध्यक्ष सीमा बंसल और इन्फोसिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. यह दिखाता है कि सरकार उद्योगों को सिर्फ आमंत्रित नहीं कर रही, बल्कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम भी कर रही है.
इन्फोसिस का यह निवेश केवल एक कारोबारी कदम नहीं बल्कि पंजाब की औद्योगिक छवि को मजबूत करने वाला मील का पत्थर है. इससे मोहाली और आसपास का इलाका उत्तर भारत का आईटी और सेवा क्षेत्र का नया केंद्र बनकर उभरेगा. स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार, अत्याधुनिक तकनीकी ढांचा और हरित विकास जैसे पहलू इस परियोजना को खास बनाते हैं. यह उपलब्धि मान सरकार की उस सोच को प्रतिबिंबित करती है जिसमें पंजाब को आत्मनिर्भर और ‘रंगला पंजाब’ बनाने का संकल्प शामिल है.