India Pakistan Tension: जहां देश के कई हिस्सों में भारत-पाक तनाव को लेकर घबराहट का माहौल है, वहीं पाकिस्तान बॉर्डर से सटे पंजाब के अमृतसर जिले के एक छोटे से गांव दाओके की तस्वीर बिलकुल अलग है. तीन तरफ से दुश्मन देश से घिरे इस गांव में लोग ना सिर्फ सामान्य दिनचर्या जी रहे हैं, बल्कि जंग जैसे हालातों में भी खुलकर हंसी-ठहाके लगा रहे हैं.
पीछे पाकिस्तान, आगे भरोसा
बता दें कि दाओके गांव की स्थिति बेहद संवेदनशील है. गांव के पीछे महज कुछ कदम की दूरी पर पाकिस्तान की सीमा शुरू हो जाती है. लेकिन इसके बावजूद यहां के लोग घबराए हुए नहीं हैं. एक किसान का कहना है, ''अगर पाक हमारी इकलौती सड़क को उड़ा दे तो हम पूरे देश से कट जाएंगे, लेकिन हम भागेंगे नहीं, ये हमारा घर है.''
अलर्ट पर देश, लेकिन गांव में है सुकून
हालांकि पंजाब और खासकर अमृतसर हाई अलर्ट पर है, लेकिन दाओके में लोग सुबह की चाय से लेकर खेतों के काम तक, हर रोज की तरह ही अपनी जिंदगी जी रहे हैं. गांव के लोग पेड़ की छांव में बैठकर हंसी-मजाक करते दिखते हैं. एक बुजुर्ग ने कहा, ''पहले भी जंग देखी है... 1965, 1971 और ऑपरेशन पराक्रम में भी डर नहीं था, अब तो सेना और मजबूत है.''
युद्ध का डर है, लेकिन चिंता नहीं
वहीं, गांव के कुछ लोगों ने माना कि बुधवार रात हुए धमाकों की आवाज ने एक पल के लिए उन्हें डरा दिया था. उन्हें लगा कि जंग शुरू होने वाली है. लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने खुद को संभाल लिया. गांववालों के मुताबिक, डर तो है लेकिन सेना पर पूरा भरोसा है कि 'अगर कुछ हुआ भी तो हमारी फौज दुश्मन को जवाब देना जानती है.'
बच्चों की चिंता, पर घर से नहीं हटे कदम
बहरहाल, 2,200 की आबादी वाले इस गांव के कुछ लोगों ने अपने बच्चों को रिश्तेदारों के पास सुरक्षित भेज दिया है. लेकिन बाकी गांववाले अब भी अपने खेतों और घरों में डटे हैं. एक बुजुर्ग बोले, ''बच्चों की हिफाजत जरूरी है, लेकिन हम क्यों भागें? हमारा जीना-मरना यहीं है.''