पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को वन विभाग के 942 कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा की. एक भव्य समारोह में उन्होंने इन कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे और इस मौके पर पूर्ववर्ती सरकारों और विपक्षी नेताओं पर जमकर हमला भी बोला.
सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि ये वे कर्मचारी हैं जो पिछले 10 से 20 सालों से डेलीवेज और अनुबंध पर काम कर रहे थे. इन्हें यह भी पता नहीं होता था कि अगली सुबह उनकी नौकरी रहेगी या नहीं. सरकार ने सभी मामलों की जांच कर कोर्ट में भी इन कर्मचारियों के पक्ष को मजबूती से रखा, जिसके बाद इनकी नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गई.
मान ने इस दौरान हाउसिंग और शहरी विकास विभाग के 6 कर्मचारियों को भी पक्का करने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इन कर्मचारियों की कभी सुध नहीं ली. सीएम ने विपक्षी नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि जिन लोगों ने सत्ता में रहकर प्रदेश को लूटा, वही अब सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं. शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि "पंजाब की जवानी इन्हीं लोगों ने खा ली. पहले कहते थे कि बड़े तस्करों को नहीं पकड़ते, अब जब हमने पकड़ लिया तो विरोध करने लगे. इससे साफ हो गया है कि ये लोग आपस में मिले हुए हैं."
मान ने तीखे अंदाज़ में कहा कि "मैंने ये कुर्सी लेने की कभी लालसा नहीं रखी थी. अपनों ने कुर्सी से इंसाफ नहीं किया, इसलिए जनता ने हमें चुना. पिछली सरकारों की प्राथमिकता सिर्फ पैसा और सत्ता थी, जनता के हितों की तरफ उनका कोई ध्यान नहीं था." मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए बताया कि सीएम आवास के पास लगे नाके हटा दिए गए हैं क्योंकि उनकी अब कोई जरूरत नहीं रह गई है. उन्होंने कहा कि आज जो नियुक्तियां हो रही हैं, वह कई साल पहले ही हो जानी चाहिए थीं लेकिन पिछली सरकारों की नाकामी के कारण इसमें देरी हुई.
पर्यावरण के मुद्दे पर बोलते हुए मान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब वन विभाग और पर्यावरण से जुड़े कर्मचारियों की भूमिका और भी अहम हो गई है. पेड़ तो लगाए जा रहे हैं, लेकिन उनकी देखभाल नहीं हो रही, यही वजह है कि कई पौधों का कुछ अता-पता नहीं होता. उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग के गेस्ट हाउस की हालत सुधारने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं, जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके.
मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि "परमात्मा ने पंजाब को बहुत कुछ दिया, बस एक कमी छोड़ दी, सबसे ज़्यादा लुटेरे भी यहीं पैदा कर दिए." उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि नौ साल तक यह कहा जाता रहा कि खजाना खाली है, जिससे प्रदेश के युवा पलायन को मजबूर हुए. सीएम मान के इस कदम को प्रशासनिक दृष्टि से बड़ा फैसला माना जा रहा है, जो हजारों परिवारों की रोजी-रोटी को स्थायित्व देगा और सरकारी सेवाओं की कार्यक्षमता में सुधार लाएगा.