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मान सरकार ने दी खुशखबरी, पंजाब के इस जिलें शुरू हुआ 'ईजी रजिस्ट्रेशन'; जानें कैसे मिली जनता को राहत

रजिस्ट्रेशन कार्यालय पहुंचे कई लोगों ने बताया कि अब उनका काम बिना किसी 'सिफारिश' या 'रिश्वत' के हो रहा है. पहले फाइलें हफ्तों तक लटकी रहती थीं, लेकिन अब दस्तावेज तय समय के भीतर पूरे हो रहे हैं. बुजुर्ग और महिलाएं इस बदलाव को सबसे बड़ी राहत मान रहे हैं.

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Edited By: Princy Sharma
Punjab News
Courtesy: Social Media

Punjab News: पंजाब सरकार ने मोगा जिले में 'ईजी रजिस्ट्रेशन' योजना शुरू की है. अब संपत्ति रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी कतारों में खड़े होने या रिश्वत देने की जरूरत नहीं होगी. आम आदमी को तेज, सस्ती सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से यह सुविधा शुरू की गई है. रजिस्ट्रेशन कराने के इच्छुक लोगों का कहना है कि इस कदम से उन्हें राहत और सुकून दोनों मिला है. 

रजिस्ट्रेशन कार्यालय पहुंचे कई लोगों ने बताया कि अब उनका काम बिना किसी 'सिफारिश' या 'रिश्वत' के हो रहा है. पहले फाइलें हफ्तों तक लटकी रहती थीं, लेकिन अब दस्तावेज तय समय के भीतर पूरे हो रहे हैं. बुजुर्ग और महिलाएं इस बदलाव को सबसे बड़ी राहत मान रहे हैं.

अधिकारियों का मानना है कि 'ईजी रजिस्ट्रेशन' से न सिर्फ काम में तेजी आएगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी. अब दलालों और बिचौलियों का दखल कम होगा और हर नागरिक को समान सुविधाएं मिलेंगी. कई क्षेत्रों में इस मॉडल को अपनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है.

तबादलों के जरिए सुधार की कोशिशें

सरकार ने इस योजना के जरिए कुछ कर्मचारियों के तबादले भी किए हैं. इनमें रजिस्ट्री क्लर्क और नौकर शामिल हैं. इसका उद्देश्य पुरानी व्यवस्था से जुड़े भ्रष्टाचार को खत्म करना और नई टीम के साथ एक स्वच्छ कार्यशैली लागू करना है. कई नागरिकों ने इस पहल को प्रशंसनीय बताया. उनका कहना है कि सरकार का यह फैसला वाकई लोगों के हित में है. इससे न केवल आम आदमी का समय बचेगा, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होगा.

अन्य जिलों में भी मांग

मोगा में मिली सफलता को देखते हुए, लोग चाहते हैं कि यह सुविधा पंजाब के बाकी जिलों में भी जल्द शुरू की जाए. अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले महीनों में इसे पूरे राज्य में चरणों में लागू किया जाएगा.

पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम

'आसान पंजीकरण' को राज्य में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इससे प्रशासनिक कार्यों में जनता का विश्वास बढ़ेगा और सरकारी सेवाओं की छवि बेहतर होगी. यह प्रणाली वास्तव में 'जनसेवा' का प्रतीक बन सकती है.