चंडीगढ़: पंजाब के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में उस समय उम्मीद की नई किरण जगी, जब राज्यसभा सांसद और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल खुद ट्रैक्टर चलाते हुए किसानों के खेतों में पहुंच गए.
बाढ़ से तबाह हुए खेतों में जमी मोटी परत की रेत और गाद को हटाने का काम शुरू करते हुए सांसद जी ने साबित कर दिया कि आम आदमी पार्टी के जनप्रतिनिधि कुर्सी की नहीं, कीचड़ की राजनीति करते हैं.
बुधवार को सुल्तानपुर लोधी और कपूरथला के आसपास के गांवों में बलबीर सिंह सीचेवाल अपनी टीम के साथ सुबह-सुबह पहुंचे. ट्रैक्टर की स्टेयरिंग खुद संभाली और किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेतों को समतल करना शुरू किया. किसानों ने बताया, “पहले नेता हेलीकॉप्टर से ऊपर से देखकर चले जाते थे, आज पहली बार कोई सांसद हमारे साथ पसीना बहा रहा है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर चल रही इस अनोखी योजना के तहत बाढ़ से खेतों में जमा रेत अब किसान की संपत्ति मानी जा रही है.सरकार न केवल रेत हटवाने के लिए मशीनरी मुफ्त दे रही है, बल्कि किसान चाहें तो उस रेत को बेचकर भी अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं. सांसद सीचेवाल ने कहा, “यह रेत किसान के खेत की है, यह उसका हक है.हम सिर्फ रेत नहीं हटा रहे, किसान का हौसला वापस ला रहे हैं.
JCB, पोकलेन मशीनें और ट्रैक्टर-ट्रॉली मुफ्त उपलब्ध
तकनीकी विशेषज्ञों की टीमें खेतों का सर्वे कर रही हैं
अगली फसल के लिए बीज और खाद पर 50% सब्सिडी की घोषणा
बाढ़ प्रभावित किसानों को 25,000 रुपये प्रति एकड़ अतिरिक्त मुआवजा
जसविंदर सिंह ने बताया, “पहले बाढ़ आती थी, नेता फोटो खिंचवाकर चले जाते थे.इस बार सांसद साहब खुद ट्रैक्टर चला रहे हैं.अब लगता है कि हमारा दुःख कोई समझ रहा है. ”CM भगवंत मान बोले – “हम वादे नहीं, काम करते हैं.”मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया: “आप की सरकार कुर्सी पर नहीं, खेतों में बैठती है.संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी ने एक बार फिर दिखा दिया कि सच्ची सेवा क्या होती है.पंजाब का किसान अब अकेला नहीं है. ”पंजाब में बाढ़ के बाद का यह सबसे बड़ा राहत और पुनर्वास अभियान बन चुका है, जिसमें जनप्रतिनिधि से लेकर अफसर तक ज़मीन पर डटे हुए हैं.