Transgender Drank Phenol: इंदौर के पंढरीनाथ थाना क्षेत्र के नंदलालपुरा इलाके में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब पुलिस को सूचना मिली कि एक कमरे में कई किन्नरों ने जहरीला पदार्थ पी लिया है. सूचना मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस की कई टीमें मौके पर पहुंचीं. कमरे का दरवाजा तोड़कर सभी को बाहर निकाला गया और तत्काल एमवाय अस्पताल भेजा गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना के वक्त कमरे के अंदर जोर-जोर से चीखें सुनाई दीं, जिसके बाद आसपास के लोग इकट्ठे हो गए और पुलिस को फोन किया गया.
एमवाय अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि समय पर इलाज शुरू हो जाने के कारण बड़ी अनहोनी टल गई. डॉ. ने कहा, 'सभी 24 मरीजों की हालत अब स्थिर है और उन्हें निगरानी में रखा गया है. जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ होने की उम्मीद है.' अस्पताल में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, किन्नर समाज के दो गुटों के बीच पिछले कई दिनों से वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा था. नंदलालपुरा क्षेत्र में रहने वाले किन्नरों के दो समूहों में आपसी मनमुटाव और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लंबे समय से जारी था. सूत्रों ने बताया कि विवाद का मुख्य कारण 'क्षेत्रीय अधिकार' और 'आर्थिक हिस्सेदारी' से जुड़ा था. इसी तनाव के चलते एक गुट ने कथित तौर पर यह सामूहिक कदम उठाया.
मामले की पृष्ठभूमि में हाल ही में घटा एक बड़ा विवाद भी शामिल है. कुछ दिन पहले, दो मीडियाकर्मियों और एक किन्नर के बीच अनैतिक कृत्य का मामला सामने आया था, जिसने पूरे शहर में सनसनी फैला दी थी. उस प्रकरण की जांच के लिए एक एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित की गई थी, लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी के तबादले के बाद जांच की गति थम गई और एसआईटी निष्क्रिय हो गई. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इसी वजह से अंदरूनी तनाव और असंतोष बढ़ा, जो अंततः इस सामूहिक आत्महत्या के प्रयास में बदल गया.
एडिशनल डीसीपी दिशेष अग्रवाल ने बताया कि पुलिस मामले को गंभीरता से लेकर जांच में जुटी है. उन्होंने कहा, 'हम सभी किन्नरों के बयान दर्ज कर रहे हैं. यह सामूहिक कदम क्यों उठाया गया, इसके पीछे की वजहें सामने लाने के लिए सभी पहलुओं से जांच की जा रही है.' पुलिस ने घटनास्थल से फिनाइल की कई खाली बोतलें बरामद की हैं और केमिकल के सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं.