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'दुनिया में ऐसी कोई सड़क नहीं जिस पर गड्ढे नहीं', मध्य प्रदेश के PWD मंत्री राकेश सिंह का वीडियो वायरल

मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह ने साफ़ किया कि सड़कों का अस्तित्व रहने तक गड्ढों की समस्या पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा, “ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे गड्ढे न हों.”

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Edited By: Garima Singh
Madhya Pradesh road construction
Courtesy: X

Madhya Pradesh road construction: मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह ने प्रदेश की सड़कों की स्थिति को लेकर मीडिया से बातचीत की .  उन्होंने सड़कों की गुणवत्ता, बिटुमिन खरीद में पारदर्शिता, और निर्माणाधीन पुलों की निगरानी जैसे मुद्दों पर विस्तार से बात की. साथ ही, गड्ढों की समस्या को कम करने के लिए नए उपायों की जानकारी दी.

मंत्री राकेश सिंह ने साफ़ किया कि सड़कों का अस्तित्व रहने तक गड्ढों की समस्या पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा, “ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे गड्ढे न हों.” फिर भी, वे इस समस्या को न्यूनतम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनके अनुसार, सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव मिले.

छह महीने में सड़क खराब? होगी सख्त कार्रवाई

मंत्री ने जोर देकर कहा कि सड़कों की मरम्मत और निर्माण का कार्य उच्च मानकों के साथ होना चाहिए. “किसी इलाके की सड़क 4 साल तक खराब नहीं होनी चाहिए और अगर वह 6 महीने में ही खराब हो जाती है, तो यह गलत है,” उन्होंने कहा. ऐसी स्थिति में जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, सड़क निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री और जमीन की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

बिटुमिन खरीद में पारदर्शिता लाने का फैसला

सड़क निर्माण में उपयोग होने वाले बिटुमिन की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था लागू की जाएगी. मंत्री ने बताया कि अब बिटुमिन केवल भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम से ही खरीदा जाएगा. “हमने बिटुमिन की आपूर्ति को डिजिटल लॉक सिस्टम से जोड़ दिया है. संबंधित क्षेत्र के सब इंजीनियर के मोबाइल पर OTP आएगा, जिसके बाद ही बिटुमिन अनलोड हो सकेगा,” उन्होंने कहा. यह कदम भ्रष्टाचार को रोकने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मददगार होगा.

जल निकासी और लोक कल्याण सरोवर की योजना

सड़कों पर जलजमाव की समस्या को हल करने के लिए राकेश सिंह ने रिचार्ज बोर बनाने की योजना की घोषणा की. हर 1-2 किलोमीटर की दूरी पर रिचार्ज बोर बनाए जाएंगे, जिससे पानी का उचित प्रबंधन हो सके. साथ ही, लोक कल्याण सरोवरों का निर्माण भी किया जाएगा. सभी चीफ इंजीनियरों को 10-10 सरोवरों का निरीक्षण करने और मंत्री स्वयं 20 स्थानों का दौरा करने की जिम्मेदारी दी गई है.

निर्माणाधीन पुलों पर कड़ी नजर

मंत्री ने निर्माणाधीन पुलों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी जोर दिया. उन्होंने भोपाल के ऐशबाग पुल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 90 डिग्री के बजाय 119 डिग्री का टर्न है, जिसके कारण सेफ्टी मापदंडों का उल्लंघन हुआ. इस वजह से कार्रवाई की गई और राजस्व का नुकसान हुआ. वहीं, इंदौर के एक पुल के बारे में उन्होंने कहा, “यहां टर्निंग रेडियस 15 मीटर की बजाय 20 मीटर है, जो ठीक है और कोई राजस्व हानि नहीं हुई.” सभी निर्माणाधीन पुलों की विस्तृत रिपोर्ट मंगवाई गई है और एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जा रहा है.