'पुष्पा स्टाइल' में कर रहा था तस्करी, प्याज के बोरों के नीचे छिपाई थी चंदन की लकड़ी, जानें कैसे खुल गया राज?

बेंगलुरु पुलिस ने चंदन की लकड़ी की तस्करी करने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया और आंध्र प्रदेश से चार लोगों को गिरफ्तार किया.

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Gyanendra Sharma

बेंगलुरु: पुष्पा स्टाइल में चंदन की तस्करी का मामला सामने आया है. बेंगलुरु पुलिस ने एक चंदन की तस्करी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया. प्याज की बोरियों के नीचे कीमती लकड़ियों को छिपाकर शहर में लाने की कोशिश किया जा रहा था. 

रिपोर्ट के अनुसार, सिद्धपुरा पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक छोटे मालवाहक वाहन को रोकने के बाद आंध्र प्रदेश के चार लोगों को गिरफ्तार किया जिनकी पहचान शेख अब्दुल कलाम, शेख शारुख, परमेश्वर और राम भूपाल के रूप में हुई है. अधिकारियों ने नियमित जांच के लिए वाहन को रोका था क्योंकि उन्हें शक था कि उसमें सिर्फ़ सब्ज़ी की खेप है.

18 बंडल मिले में मिले 750 किलोग्राम चंदन

पूछताछ करने पर ड्राइवर परमेश्वर और राम ने पूरे विश्वास के साथ दावा किया कि गाड़ी में प्याज़ लदा हुआ है. लेकिन जब पुलिस अधिकारियों ने गहराई से जांच करने का फैसला किया तो सच सामने आय़ा. प्याज की बोरियों के नीचे उन्हें ताज़ा कटे हुए चंदन की लकड़ियों के 18 बंडल मिले जिनका वजन लगभग 750 किलोग्राम था.

इस खुलासे के बाद ट्रक के पीछे चल रही एक एसयूवी में दो और संदिग्ध, कलाम और शारुख, पकड़े गए. रिपोर्ट के अनुसार पूछताछ में कलाम ने कथित तौर पर खुलासा किया कि यह खेप कुरनूल के सिराज नाम के एक व्यक्ति ने सप्लाई की थी जिसने उन्हें बेंगलुरु के एक तस्कर को लकड़ियां पहुंचाने का निर्देश दिया था.

ग्लैमरस तरीकों से तस्करी करता था

जांचकर्ताओं ने बताया कि यह गिरोह आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के बीच संचालित सीमा पार चंदन नेटवर्क का हिस्सा था जो अवैध व्यापार को छिपाने के लिए रोजमर्रा के मालवाहक वाहनों का उपयोग करता था यह सिनेमा में दिखाए जाने वाले ग्लैमरस तरीकों की नकल करता था, लेकिन वास्तविक लाभ के उद्देश्य से संचालित होता था.

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कर्नाटक वन अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 303 के तहत चोरी का मामला दर्ज किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जब्त चंदन की लकड़ी मूल्यांकन के लिए वन अधिकारियों को सौंप दी गई है.