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'विराट की अपील से पहुंची भीड़', कर्नाटक सरकार ने भगदड़ के लिए RCB को ठहराया जिम्मेदार

कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट में दी गई रिपोर्ट में 4 जून को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को जिम्मेदार ठहराया है. सरकार ने विराट कोहली के वीडियो संदेश को भीड़ जुटने का मुख्य कारण बताया है. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे.

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Edited By: Kuldeep Sharma
RCB
Courtesy: WEB

4 जून 2025 को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ नियंत्रण में न रहने की वजह से मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए. इस हादसे को लेकर अब कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उसने RCB, आयोजक कंपनी और विराट कोहली के वीडियो अपील को इस भयावह स्थिति का मुख्य कारण बताया है.

कर्नाटक सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विराट कोहली द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया एक वीडियो जिसमें उन्होंने फैंस को ‘फ्री एंट्री’ समारोह में आने का निमंत्रण दिया, भीड़ जुटने का मुख्य कारण बना. RCB ने 4 जून को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स से आयोजन की घोषणा की थी और लोगों को खुले तौर पर आमंत्रित किया था. सरकार का कहना है कि इस वीडियो और पोस्ट के कारण अनुमान से कहीं अधिक करीब तीन लाख लोग वहां पहुंच गए, जिससे हालात नियंत्रण से बाहर हो गए.

पुलिस को नहीं दी गई आधिकारिक अनुमति की अर्जी

रिपोर्ट के मुताबिक, आयोजन की जिम्मेदारी निभा रही कंपनी DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने पुलिस को 3 जून को सिर्फ सूचना दी थी, लेकिन 2009 के नगर आदेश के अनुसार किसी भी सार्वजनिक आयोजन के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होता है. पुलिस ने इसी आधार पर इवेंट की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बावजूद आयोजकों ने कार्यक्रम आयोजित किया और प्रचार जारी रखा.

अंतिम समय पर बदला एंट्री का नियम

4 जून को दोपहर 3:14 बजे आयोजकों ने अचानक घोषणा की कि स्टेडियम में प्रवेश के लिए पास अनिवार्य होगा, जबकि पहले यह ‘फ्री एंट्री’ कार्यक्रम बताया गया था. इस उलझन ने भीड़ में घबराहट पैदा कर दी. प्रवेश द्वारों पर उचित व्यवस्था नहीं थी और गेट समय पर नहीं खोले गए, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. इस दौरान सात पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.

समन्वय की कमी और सरकार की कार्रवाई

सरकार की रिपोर्ट में साफ तौर पर यह बताया गया है कि RCB, DNA कंपनी और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के बीच किसी तरह का उचित समन्वय नहीं था. साथ ही ये भी कहा गया है कि पुलिस को योजना की पूरी जानकारी नहीं दी गई थी. वहीं स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने नियंत्रण में रखते हुए कार्यक्रम को सीमित किया.

हालांकि हादसे के बाद सरकार ने मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही एफआईआर दर्ज की गई है और कुछ पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है. मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव को निलंबित किया गया है, साथ ही राज्य इंटेलिजेंस प्रमुख का तबादला भी कर दिया गया है. पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा की गई है.