दादी को फोन मिलाने पर तीसरी क्लास के छात्र के साथ हैवानियत, वीडियो में टीचर की क्रूरता कैद
Karnataka teacher Viral Video: कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में एक शिक्षक, वीरेश हिरेमठ, को कक्षा 3 के छात्र को मोबाइल पर दादी से बात करने पर पीटने के मामले में गिरफ्तार किया गया. घटना आठ महीने पहले हुई थी, लेकिन वीडियो हाल ही में वायरल हुआ. छात्र ने स्कूल छोड़ दिया. इसी तरह, मगरी रोड के एक निजी स्कूल में कक्षा 5 के छात्र के साथ भी शारीरिक दंड का मामला सामने आया. इन घटनाओं ने स्कूलों में शारीरिक सजा पर बहस छेड़ दी है.
Karnataka teacher Viral Video: सोशल मीडिया पर रोजाना कोई न कोई वीडियो वायरल होता रहता है जो आपको हैरान कर देता है. कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले से भी ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक शिक्षक तीसरी कक्षा के छात्र की पिटाई करता दिख रहा है, जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया है. यह घटना नायकनहट्टी स्थित श्री गुरु थिप्पेरुद्रस्वामी रेसिडेंशियल वेद स्कूल की है.
क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षक वीरेश हिरेमठ ने छात्र को उसकी दादी से फोन पर बात करने के लिए दूसरे व्यक्ति का मोबाइल इस्तेमाल करने पर बेरहमी से पीटा. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र बार-बार मदद की गुहार लगा रहा था, लेकिन शिक्षक ने उसकी एक न सुनी और लगातार उसे मारते रहे.
हालांकि यह घटना आठ महीने पहले हुई थी, लेकिन हाल ही में यह वीडियो ऑनलाइन सामने आया. घटना के बाद छात्र ने स्कूल छोड़ दिया और ट्रांसफर सर्टिफिकेट प्राप्त किया. नायकनाहट्टी पुलिस ने अब शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है.
चित्रदुर्ग के एसपी रंजीत कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा, “वीरश हिरेमठ को कलाबुरागी से गिरफ्तार किया गया है. वीडियो वायरल होने के बाद शिकायत दर्ज कराई गई थी. आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा. जांच पूरी होने के बाद और जानकारी साझा की जाएगी.”
शिक्षण संस्थानों पर निगरानी के अभाव पर नई बहस
इस घटना के साथ ही कर्नाटक के अन्य स्कूलों में शारीरिक सजा के मामलों पर भी ध्यान गया. मगरी रोड, सुनकदकट्टे के एक निजी स्कूल में 14 अक्टूबर को कक्षा 5 के छात्र के साथ शिक्षक और प्रधानाचार्य द्वारा शारीरिक उत्पीड़न और कमरे में बंद करने का मामला सामने आया. बच्चे की मां ने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य राकेश कुमार और शिक्षक चंद्रिका ने पीवीसी पाइप से बच्चे को पीटा और उसे देर शाम तक कमरे में बंद रखा.
पुलिस ने प्रधानाचार्य से पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया. अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने छात्र को शारीरिक रूप से दंडित करने की बात स्वीकार की, जिसे वे छात्र की अनियमित उपस्थिति के कारण कर रहे थे.
इन घटनाओं ने कर्नाटक में स्कूलों में शारीरिक दंड की प्रथा और शिक्षण संस्थानों पर निगरानी के अभाव पर नई बहस छेड़ दी है. विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा और उनकी मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए स्कूलों में कठोर नियम और निगरानी आवश्यक है.
सरकार और शिक्षा विभाग को इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए नियमों को सख्त करने की दिशा में कदम उठाना होगा. शिक्षा में अनुशासन आवश्यक है, लेकिन बच्चों के साथ हिंसा को कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता.
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