ओलंपिक मेडल जीतने पर 6 करोड़ और सरकारी नौकरी, कर्नाटक में कुर्सी के घमासान के बीच CM सिद्धारमैया का बड़ा ऐलान

कर्नाटक ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए अभूतपूर्व नकद पुरस्कार और सरकारी नौकरियां दे रहा है! गोल्ड के लिए ₹6 करोड़. जानें कैसे कर्नाटक खेलों में सफलता को बढ़ावा दे रहा है और एथलीटों को प्रेरित कर रहा है.

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Princy Sharma

बेंगलुरु: एक बड़ी घोषणा में जिसने पूरे देश के एथलीटों का ध्यान खींचा है, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के उन खिलाड़ियों के लिए रिकॉर्ड तोड़ नकद पुरस्कार और सरकारी नौकरियों की घोषणा की है जो ओलंपिक खेलों में मेडल जीतेंगे. इस कदम को कर्नाटक में एक मजबूत खेल संस्कृति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

नई प्रोत्साहन योजना के तहत, कर्नाटक का कोई भी एथलीट जो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतेगा, उसे ₹6 करोड़ मिलेंगे. सिल्वर मेडल जीतने वालों को ₹4 करोड़ मिलेंगे, जबकि ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालों को ₹3 करोड़ दिए जाएंगे. यह भारत में किसी भी राज्य सरकार द्वारा घोषित सबसे बड़े पुरस्कारों में से एक है.

इस फैसले का कारण

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसले का मुख्य लक्ष्य युवा एथलीटों को प्रेरित करना और उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि उच्चतम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतना संभव है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर्नाटक चाहता है कि उसके एथलीट सिर्फ हिस्सा लेने के बजाय गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने का लक्ष्य रखें.

एथलीटों को मिलेगी सरकारी नौकरी 

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह भी साफ किया कि सिर्फ पैसा ही काफी नहीं है. उन्होंने एथलीटों को सफल होने में मदद करने के लिए उचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों, स्पष्ट लक्ष्यों और लंबी अवधि की योजना की आवश्यकता पर जोर दिया. नकद पुरस्कारों के साथ, राज्य सरकार ने खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां देने का भी फैसला किया है, जिससे उनके खेल करियर खत्म होने के बाद भी उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके.

कर्नाटक ओलंपिक एसोसिएशन

कर्नाटक के गृह मंत्री और वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य ने भारत में एथलीटों के लिए सबसे मजबूत सपोर्ट सिस्टम में से एक बनाया है. उन्होंने बताया कि कर्नाटक ओलंपिक एसोसिएशन के पास अब बेंगलुरु के कांतीरवा स्टेडियम में अपनी खुद की बिल्डिंग है, जो राज्य सरकार ने दी है.

नेता परमेश्वर ने क्या कहा? 

नेता परमेश्वर ने कहा कि यह एक दुर्लभ सुविधा है, क्योंकि देश के अधिकांश ओलंपिक एसोसिएशन के पास अपनी खुद की बिल्डिंग नहीं है. उन्होंने कहा कि यह खेल विकास के प्रति सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता को दिखाता है. उन्होंने एक और महत्वपूर्ण बात पर भी जोर दिया मुख्यमंत्री सिद्धारमैया खुद खेल मंत्रालय संभालते हैं. परमेश्वर के अनुसार, किसी मुख्यमंत्री के लिए सीधे खेल विभाग संभालना बहुत दुर्लभ है, और यह दर्शाता है कि सरकार खेल को बढ़ावा देने को कितनी गंभीरता से ले रही है.