'मेरे बेटे की अस्थियां तक छीन ली...', जंगल के गुफा में खुश थी रूसी महिला, अब गंदगी में रहने का दावा
कर्नाटक के गोकर्णा में एक रूसी महिला नीना कुटीना अपनी दो बेटियों के साथ जंगल की गुफा में रह रही थी. वह दो हफ्तों से रामतीर्थ हिल्स की गुफा में रहकर प्रकृति में जीवन बिता रही थीं. नीना का कहना है कि उनका जीवन शांत, रचनात्मक और आत्मनिर्भर था.
Karnataka News: कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के गोकर्णा इलाके में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 40 साल की रूसी महिला नीना कुटीना को उसकी दो बेटियों के साथ रामतीर्थ हिल्स की एक गुफा से 11 जुलाई को रेस्क्यू किया गया. महिला बीते करीब दो हफ्तों से जंगल में रह रही थी, जहां उसका कहना है कि उनकी जिंदगी शांत, रचनात्मक और आत्मनिर्भर थी.
नीना की दो बेटियां, प्रेमा (6) और अमा (4), उसके साथ गुफा में रह रही थीं. नीना ने बताया, 'हम सूरज के साथ उठते थे, नदी में नहाते थे, जंगल में रहते थे. मैं आग या छोटे सिलेंडर पर खाना पकाती थी, पास के गांव से राशन लाती थी. हम पेंटिंग बनाते, गाना गाते, किताबें पढ़ते और खुश रहते थे.'
20 देशों की कर चुकी हैं यात्रा
नीना पेशे से एक आर्ट और रूसी साहित्य की टीचर हैं. उन्होंने कहा कि वह पिछले 15 सालों से दुनिया भर के करीब 20 देशों की यात्रा कर चुकी हैं. उनकी सभी संतानें अलग-अलग देशों में जन्मी हैं और उन्होंने बिना डॉक्टर या अस्पताल के खुद ही उनकी डिलीवरी की.
जहरीले जीवों से भरा है इलाका
हालांकि, पुलिस को चिंता इस बात की हुई कि वे जिस इलाके में रह रही थीं, वह भूस्खलन और जहरीले जीवों से भरा इलाका है. जब जांच की गई तो पता चला कि नीना का वीजा 2017 में ही खत्म हो चुका है. अब उन्हें एक महिला आश्रय गृह में रखा गया है.
'यहां गंदगी है, हमें सिर्फ सादा...'
नीना ने यह भी कहा कि बचाव के बाद उनकी स्थिति बहुत खराब हो गई है, 'यहां गंदगी है, हमें सिर्फ सादा चावल खाने को मिलता है और कोई प्राइवेसी नहीं है. मेरे बेटे की अस्थियां तक छीन ली गईं.' नीना अब रूसी दूतावास के संपर्क में हैं, जो उन्हें और बच्चों को वापसी में मदद कर रहा है.