भारत में ऑनर किलिंग के मामले समय-समय पर समाज को झकझोरते रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कर्नाटक के कलबुर्गी तालुका से सामने आया है, जहां एक पिता ने अपनी ही बेटी को मौत के घाट उतार दिया क्योंकि वह दूसरी जाति के लड़के से शादी करना चाहती थी. इस घटना ने न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया, बल्कि समाज में अब भी जातिगत सोच की गहरी जड़ों को उजागर कर दिया.
मृतका कविता ने हाल ही में धर्मसिंह कॉलेज से पीयूसी की पढ़ाई पूरी की थी. वह कुरुबा समुदाय के ऑटो चालक मलप्पा से रिश्ते में थी. परिवार इस रिश्ते का लगातार विरोध कर रहा था. लेकिन कविता अपने फैसले पर अड़ी रही और उसने यहां तक कह दिया था कि अगर शादी से रोका गया तो वह भाग जाएगी. परिवार की मानसिकता और सामाजिक दबाव ने अंततः इस रिश्ते को खतरनाक मोड़ पर पहुंचा दिया.
27 अगस्त की रात परिवार में इसी मुद्दे पर फिर विवाद हुआ. गुस्से में पिता शंकर कोल्लूर ने अपने भतीजे शरणु और रिश्तेदार दत्तप्पा के साथ मिलकर कविता की गला घोंटकर हत्या कर दी. हत्या के बाद सच्चाई छिपाने के लिए उसके मुंह में कीटनाशक डाला गया ताकि इसे आत्महत्या का मामला दिखाया जा सके. ग्रामीणों को बताया गया कि लड़की ने ज़हर खा लिया है, लेकिन सच छिप न सका.
हत्या के अगले दिन आरोपियों ने शव को शंकर के भाई के खेत में ले जाकर जला दिया. इस कोशिश से वे पुलिस को गुमराह करना चाहते थे, लेकिन घटनास्थल से आंशिक रूप से जले हुए अवशेष बरामद हुए. यही पुलिस जांच की कड़ी बनी और धीरे-धीरे सारा राज खुल गया.
फरहताबाद पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया और आरोपी पिता शंकर कोल्लूर को गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि शरणु और दत्तप्पा की तलाश जारी है. कविता पांच बहनों में चौथे नंबर पर थी. दो बहनों की शादी हो चुकी है, तीसरी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है और सबसे छोटी कक्षा 9 की छात्रा है. यह घटना न केवल एक परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि जातिवाद और मान-सम्मान की आड़ में इंसानियत की हत्या बंद होनी चाहिए.