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कर्नाटक कांग्रेस में सियासी भूचाल, सत्ता बदलाव की चर्चा के बीच दिल्ली पहुंचे शिवकुमार समर्थक दस विधायक

कर्नाटक कांग्रेस में सत्ता साझेदारी को लेकर तनाव बढ़ गया है और डीके शिवकुमार समर्थक दस विधायक दिल्ली पहुंचकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठा रहे हैं.

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Edited By: Km Jaya
DK Shivakumar and Siddaramaiah India daily
Courtesy: @ani_digital and @SurrbhiM x account

बेंगलुरु: कर्नाटक कांग्रेस में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है और सत्ता साझेदारी को लेकर चल रही चर्चा ने पार्टी के भीतर तनाव बढ़ा दिया है. उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थन वाले दस विधायक गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए जिससे यह अटकलें और तेज हो गई हैं कि वह दो दशकीय सत्ता बदलाव फार्मूला लागू कराने के लिए दबाव बना रहे हैं. 

सिद्धारमैया सरकार के 2.5 साल पूरे होने के साथ ही नेतृत्व परिवर्तन की पुरानी चर्चा फिर से जोर पकड़ने लगी है. विधायक दोपहर में दिल्ली पहुंचे और उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात का समय मांगा है. बताया गया है कि वे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से गुरुवार शाम को और एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल से शुक्रवार सुबह मिलने वाले हैं.

कौन-कौन से विधायक होंगे शामिल?

विधायकों में दिनेश गूलीगौड़ा, रवि गनिगा और गुब्बी वासु शामिल हैं. शुक्रवार को अनेकल शिवन्ना, नेलमंगला श्रीनिवास, इकबाल हुसैन, कुनिगल रंगनाथ, शिवगंगा बसवराजू और बालकृष्ण भी उनसे जुड़ने वाले हैं. कई और विधायक वीकेंड में दिल्ली पहुंच सकते हैं. विधायक इकबाल हुसैन ने कहा, 'मैं किस लिए जाऊंगा? सोना, हीरे मांगने? नहीं. मैं डीके शिवकुमार के लिए जा रहा हूं.'

क्यों हुआ सिक्योरिटी कन्फ्यूजन?

खड़गे के आवास पर गुरुवार शाम थोड़ी देर के लिए सुरक्षा में भ्रम की स्थिति बन गई क्योंकि सुरक्षा टीम को बैठक की जानकारी पहले से नहीं दी गई थी. बाद में खड़गे ने सभी विधायकों से मुलाकात की और उनकी बात सुनी. इस बीच शिवकुमार ने कहा कि उन्हें इस यात्रा की जानकारी नहीं है और वह स्वास्थ्य कारणों से घर से बाहर नहीं निकले हैं. सिद्धारमैया के बयान पर कि वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे, शिवकुमार ने कहा कि उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है और सभी नेता मिलकर काम करेंगे.

क्या है सियासी हलचल का कारण?

दरअसल मई 2023 में सरकार बनने के बाद से ही सत्ता साझेदारी को लेकर चर्चा जारी है. तब कई रिपोर्टों में दावा किया गया था कि 2.5 साल बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया. अब जब प्रदेश सरकार अपने कार्यकाल के बीच में पहुंच गई है तो यह मुद्दा दोबारा सियासी हलचल का कारण बन गया है.

सिद्धारमैया ने क्या कहा?

उधर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को होने वाला अपना चामराजनगर और मैसूर का दो दिन का  दौरा रद्द कर दिया है और वह सुबह ही बेंगलुरु लौटेंगे. उन्होंने सत्ता परिवर्तन की खबरों को मीडिया की कल्पना बताया है. उन्होंने कहा कि पांच साल का जनादेश मिला है और किसी तरह की क्रांति जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि 2.5 साल पूरे होने के बाद कैबिनेट फेरबदल पर चर्चा को नेतृत्व परिवर्तन बताया जा रहा है जबकि यह गलतफहमी है. कांग्रेस नेतृत्व अभी भी इस पर विचार विमर्श कर रहा है.

BJP नेता आर अशोक ने क्या कहा?

बीजेपी नेता आर अशोक ने इस सियासी हलचल पर कहा कि मुख्यमंत्री कुर्सी नहीं छोड़ेंगे और शिवकुमार चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि 2.5 साल का समझौता हुआ था जिससे पूरा कर्नाटक परेशान है. इससे पहले कुछ कांग्रेस एमएलसी भी दिल्ली में डेरा डाले हुए थे जो इस बात का संकेत है कि पार्टी की कर्नाटक इकाई में अंदरूनी असंतोष बढ़ रहा है.