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'सुप्रीम कोर्ट का कानून...', कर्नाटक के गृहमंत्री के 'बुलडोजर' वाले बयान पर भड़के पी चिदंबरम

चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि यह खबर गलत हो. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2024 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के घर गिराना पूरी तरह गैरकानूनी है. इससे परिवार के अन्य सदस्यों के रहने के अधिकार का उल्लंघन होता है, जो मौलिक और मानवाधिकारों के खिलाफ है. 

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Edited By: Antima Pal
p chidambaram
Courtesy: x

कर्नाटक में ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात करते हुए गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने विधान परिषद में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ड्रग पेडलर्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी और जरूरत पड़ी तो उनके घरों या किराए के मकानों को भी बुलडोजर से गिरा दिया जाएगा. 

परमेश्वर ने बताया कि कई विदेशी नागरिक, खासकर अफ्रीकी देशों से आने वाले लोग ड्रग तस्करी में शामिल हैं.पिछले दो सालों में 300 से ज्यादा ऐसे विदेशियों को गिरफ्तार कर डिपोर्ट किया गया है. सरकार ने मकान मालिकों को भी चेतावनी दी है कि अगर वे ड्रग तस्करों को घर किराए पर देते हैं तो उनके घरों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

कर्नाटक गृहमंत्री के बयान की कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने की आलोचना

इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर ही हंगामा मच गया. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने लिखा कि वे कर्नाटक गृहमंत्री के इस रिपोर्टेड बयान से काफी चिंतित हैं, जिसमें ड्रग पेडलर्स के घरों पर बुलडोजर चलाने की बात कही गई है.

'घर गिराना पूरी तरह गैरकानूनी'

चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि यह खबर गलत हो. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2024 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के घर गिराना पूरी तरह गैरकानूनी है. इससे परिवार के अन्य सदस्यों के रहने के अधिकार का उल्लंघन होता है, जो मौलिक और मानवाधिकारों के खिलाफ है.

उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा उत्तर प्रदेश में अपनाई जा रही 'बुलडोजर जस्टिस' का विरोध करती आई है. वहां यह तरीका गलत, अवैध और अन्यायपूर्ण है. चिदंबरम ने चेतावनी दी कि कर्नाटक जैसे कांग्रेस शासित राज्य को यूपी के इस गैरकानूनी रास्ते पर नहीं जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल बुलडोजर कार्रवाई पर पैन-इंडिया गाइडलाइंस जारी की थीं. 

कोर्ट ने कहा कि आरोपी या दोषी होने मात्र से घर नहीं गिराया जा सकता. यह सामूहिक सजा जैसा है, जो संविधान के खिलाफ है. डेमोलिशन से पहले 15 दिन का नोटिस देना जरूरी है, वजह बतानी होगी और पूरा प्रोसेस वीडियो रिकॉर्ड करना अनिवार्य है. अगर नियम तोड़े गए तो अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई हो सकती है और पीड़ितों को मुआवजा मिलेगा.