'नियंत्रण से बाहर..., मैं माफी मांगता हूं', चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ को लेकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री DK शिवकुमार ने मांगी माफी
हालांकि, अभी आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. इस भगदड़ के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने जनता से माफी मांगी है. उन्होंने कहा, "भीड़ को नियंत्रित करना आसान नहीं है. मैं इसके लिए जनता से, कर्नाटक से मांफी मांगता हूं."

बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL 2025 में ऐतिहासिक जीत का जश्न बुधवार को उस समय अफरा-तफरी में बदल गया जब एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. RCB ने मंगलवार को फाइनल में पंजाब किंग्स को 6 रन से हराकर 18 साल बाद पहली बार खिताब जीता था. इस जीत को सेलिब्रेट करने के लिए बेंगलुरु में विक्ट्री परेड निकाली गई. लेकिन चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भीड़ अनियंत्रित होगी और भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई. हालांकि, अभी आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. इस भगदड़ के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने जनता से माफी मांगी है. उन्होंने कहा, "भीड़ को नियंत्रित करना आसान नहीं है. मैं इसके लिए जनता से, कर्नाटक से मांफी मांगता हूं."
कई लोग घायल, बच्चा भी बेहोश हुआ
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्टेडियम के बाहर जमा हजारों की भीड़ में कई लोग बेहोश हो गए, कुछ घायल हो गए. कई तस्वीरों और वीडियो में देखा गया कि लोग सांस लेने के लिए जूझ रहे थे और पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थ नजर आई. एक वीडियो में एक बच्चा भीड़ में बेहोश हो गया, जिसे पुलिसकर्मी तुरंत उठाकर सुरक्षित स्थान पर ले गए.
डी.के. शिवकुमार ने माफी मांगी
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने इस घटना को लेकर माफी मांगी. उन्होंने कहा, "यह भीड़ हमारे नियंत्रण से बाहर थी. हम एक विजय जुलूस निकालना चाहते थे, लेकिन भीड़ को संभाल पाना बहुत मुश्किल हो गया. मैं बेंगलुरु और कर्नाटक की जनता से माफी मांगता हूं."
उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले से ही 5,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी, लेकिन वहां मौजूद युवा और उत्साही भीड़ को लाठीचार्ज कर रोकना संभव नहीं था.
सम्मान समारोह में उमड़ी भीड़
RCB की इस ऐतिहासिक जीत के बाद कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) द्वारा एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. टीम को बेंगलुरु की सड़कों पर खुले बस में ले जाया गया और अंत में स्टेडियम में उनका स्वागत होना था. लेकिन इससे पहले ही स्टेडियम के बाहर भीड़ अनियंत्रित हो गई.



