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CJI के ऊपर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील की बढ़ी मुश्किलें, अब यहां दर्ज हुआ मामला

गौरतलब है कि सोमवार को 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने खजुराहो विष्णु मूर्ति पुनर्स्थापना मामले में सीजेआई गवई के टिप्पणियों से नाराज होकर CJI बीआर गवई के ऊपर जूता फेंकने की कोशिश की थी. हालांकि जूता CJI के ऊपर नहीं गिरकर जस्टिस विनोद चंद्रन के पास जा गिरा.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
CJI BR gavai and advocate Rakesh Kishor
Courtesy: Social Media

सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के ऊपर जूते फेंकने की कोशिश करने के मामले बेंगलुरु पुलिस ने अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ, बेंगलुरु की शिकायत पर निलंबित अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ बीएनएस की धारा 132 और 133 के तहत जीरो एफआईआर दर्ज की है. अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ, बेंगलुरु ने इस कृत्य को आपत्तिजनक बताया है और कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है. 

गौरतलब है कि अधिवक्ता राकेश किशोर ने 6 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूते फेंकने की कोशिश की थी, जिसके बाद इस मामले में बार कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वकील राकेश किशोर के लाइसेंस को निलंबित कर दिया था. इस मामले में पीएम मोदी ने भी बीआर गवई से बात कर घटना की निंदा की थी और कहा था कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज है. हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है. यह अत्यंत निंदनीय है.

CJI से बात करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसी स्थिति में चीफ जस्टिस बीआर गवई ने जो धैर्य दिखाया है उसकी मैं सराहना करता हूं. यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

खजुराहो विष्णु मूर्ति पुनर्स्थापना मामले में सीजेआई गवई की टिप्पणी से नाराज था वकील

गौरतलब है कि सोमवार को 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने खजुराहो विष्णु मूर्ति पुनर्स्थापना मामले में सीजेआई गवई के टिप्पणियों से नाराज होकर CJI बीआर गवई के ऊपर जूता फेंकने की कोशिश की थी. हालांकि जूता CJI के ऊपर नहीं गिरकर जस्टिस विनोद चंद्रन के पास जा गिरा. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने राकेश किशोर को हिरासत में ले लिया. वही इस मामले में बार कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वकील राकेश किशोर के लाइसेंस को निलंबित कर दिया था.. 

CJI द्वारा की गई किस टिप्पणी से नाराज़ था आरोपी वकील? 

दरअसल, खजुराहो विष्णु मूर्ति पुनर्स्थापना मामले में CJI गवई ने कहा था कि खजुराहो में शिव का एक बहुत बड़ा लिंग है और अगर याचिकाकर्ता शैव धर्म के विरोधी नहीं हैं तो वे वहां जाकर पूजा कर सकते हैं. उन्होंने याचिका को प्रचार हित याचिका कहते हुए भगवान से ही प्रार्थना करने को कहा था. उनकी टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर जमकर विवाद भी हुआ था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं.