रांची: झारखंड अपनी इमरजेंसी हेल्थकेयर सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए डायल 108 एम्बुलेंस सर्विस में एक बड़ा अपग्रेड करने जा रहा है. जल्द ही, लोग ‘जीवन दूत’ नाम के मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके Ola या Uber की तरह एम्बुलेंस बुक कर पाएंगे. इस कदम का मकसद पूरे राज्य में मरीजों को तेजी से मेडिकल मदद पहुंचाना है.
यह फैसला स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने 108 एम्बुलेंस सर्विस की रिव्यू मीटिंग के दौरान लिया. 108 पर कॉल करने के साथ-साथ, मरीज या उनके परिवार वाले एम्बुलेंस के लिए जल्दी और आसानी से रिक्वेस्ट करने के लिए जीवन दूत ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
सर्विस को और ज्यादा असरदार बनाने के लिए, सरकार ने प्राइवेट एम्बुलेंस को 108 सिस्टम से जोड़ने का फैसला किया है. रजिस्टर्ड प्राइवेट एम्बुलेंस ऑपरेटरों को सरकार द्वारा तय दूरी के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन से पहले, हर एम्बुलेंस का ठीक से इंस्पेक्शन किया जाएगा. सिर्फ वही एम्बुलेंस जो सभी सेफ्टी और मेडिकल स्टैंडर्ड को पूरा करेंगी, उन्हें ऑफिशियल सर्टिफिकेशन मिलेगा और उन्हें 108 सर्विस नेटवर्क में जोड़ा जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग ने यह साफ कर दिया है कि नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी. अगर कोई प्राइवेट एम्बुलेंस नियमों का उल्लंघन करते हुए या खराब सर्विस देते हुए पाई जाती है, तो उसे तुरंत सिस्टम से हटा दिया जाएगा. यह कदम मीडिया रिपोर्ट्स के बाद उठाया गया है, जिसमें एम्बुलेंस सर्विस में गंभीर देरी और नाकामियों को उजागर किया गया था, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही थी.
सरकार ने 108 एम्बुलेंस सर्विस को चलाने के लिए टेंडर फिर से जारी करने का भी फैसला किया है. एक खास NHM टीम दूसरे राज्यों का दौरा करेगी जहां 108 सर्विस सफलतापूर्वक चल रही है. उनकी स्टडी के आधार पर, झारखंड में भी इसी तरह के बेहतरीन तरीकों को लागू किया जाएगा. इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को ट्रांसपोर्ट सुविधा देने वाली ममता वाहन को भी जीवन दूत ऐप से जोड़ा जाएगा.
एक और बड़ी राहत में, राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थी अब झारखंड और राज्य के बाहर दोनों जगह प्राइवेट अस्पतालों में CGHS (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) दरों पर इलाज करवा पाएंगे. स्वास्थ्य अधिकारियों को इस योजना के तहत बड़े अस्पतालों की लिस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है. चूंकि मौजूदा बीमा कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट फरवरी में खत्म हो रहा है, इसलिए सरकार उससे पहले एक नई बीमा कंपनी चुनने की योजना बना रही है. कुल मिलाकर, ये कदम तेज इमरजेंसी केयर, बेहतर एम्बुलेंस उपलब्धता और किफायती इलाज का वादा करते हैं जिससे झारखंड के लोगों को बहुत जरूरी राहत मिलेगी.