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झारखंड में नक्सलियों का सुरक्षाबलों पर हमला, IED ब्लास्ट में एक CRPF इन्स्पेक्टर समेत तीन जवान घायल

यह घटना जराईकेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सामठा के बाबूडेरा इलाके में घटी. जिला पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा दलों के संयुक्त दल नक्सल विरोधी अभियान पर तैनात थे. जंगल की घनी झाड़ियों में छिपे नक्सलियों ने अचानक आईईडी को सक्रिय कर दिया, जिससे अभियान प्रभावित हो गया.

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Gyanendra Sharma

Naxalites attack: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया है.  शुक्रवार शाम को नक्सलियों ने  दो अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दिया.  पहली घटना में एक आईईडी धमाके से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक इंस्पेक्टर समेत तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि दूसरी घटना में नक्सलियों ने एक पुलिया को विस्फोट से उड़ा दिया.  ये हमले नक्सली संगठनों की सक्रियता को दर्शाते हैं, जो लगातार सुरक्षा अभियानों को निशाना बना रहे हैं. 

यह घटना जराईकेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सामठा के बाबूडेरा इलाके में घटी.  जिला पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा दलों के संयुक्त दल नक्सल विरोधी अभियान पर तैनात थे.  जंगल की घनी झाड़ियों में छिपे नक्सलियों ने अचानक आईईडी को सक्रिय कर दिया, जिससे अभियान प्रभावित हो गया.  धमाके की चपेट में आए सीआरपीएफ की 60वीं बटालियन के इंस्पेक्टर के.के. मिश्रा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए.  उनके अलावा दो अन्य जवान, रामकृष्ण घाघराई और मंटू कुमार भी जख्मी हो गए.  

रामकृष्ण घाघराई खरसावां के विधायक कृष्ण गागरे के भाई हैं, जिससे यह घटना स्थानीय स्तर पर और संवेदनशील हो गई है. घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद हेलीकॉप्टर से रांची के एक निजी अस्पताल पहुंचाया गया. चिकित्सकों के अनुसार, इंस्पेक्टर मिश्रा की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है. यदि जरूरी हुआ, तो उन्हें दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है. 

पुलिया को विस्फोटक से उड़ा दिया

दूसरी घटना में नक्सलियों ने एक महत्वपूर्ण पुलिया को विस्फोटक से उड़ा दिया, जिससे क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया.  यह कदम नक्सलियों की उस रणनीति का हिस्सा लगता है, जिसके तहत वे सुरक्षा बलों की गतिविधियों को बाधित करने के लिए बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हैं.  पुलिया के नष्ट होने से आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है, और स्थानीय प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों पर निगरानी बढ़ा दी है. 

घटना की सूचना मिलते ही तत्काल मेडिकल टीम मौके पर भेजी गई.  पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि घायल जवानों का उपचार कराया जा रहा है.  सारंडा जंगल, जो एशिया के सबसे घने वनों में से एक है, लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है.  हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों ने कई सफल अभियान चलाए हैं, जिसमें दर्जनों नक्सली मारे गए या गिरफ्तार हुए.