दिल्ली ब्लास्ट में मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोजिव के इस्तेमाल का शक, खुल रही हादसे की परतें!
लाल किले के पास रविवार को एक कार में ब्लास्ट हुआ. खबरों के अनुसार, विस्फोट की हाई-इंटेंसिटी और प्रभाव को देखते हुए, सैन्य-ग्रेड विस्फोटकों के इस्तेमाल का शक जताया जा रहा है.
दिल्ली: लाल किले के पास रविवार को एक कार में ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट की इंटेंसिटी बहुत तेज थी जिसमें अभी तक 9 लोग मारे जा चुके हैं. जांच एजेंसियां इस घटना का पड़ताल कर रही हैं. विस्फोट की हाई-इंटेंसिटी और प्रभाव को देखते हुए, सैन्य-ग्रेड विस्फोटकों के इस्तेमाल का शक जताया जा रहा है.
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, यह हमला मोहम्मद उमर ने किया था, जो डॉक्टर भी था. यह हमला फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था, जिसका भंडाफोड़ सोमवार के विस्फोट से कुछ घंटे पहले ही हुआ था. जब फरीदाबाद में छापेमारी की गई थी तो अधिकारियों ने अमोनियम नाइट्रेट समेत लगभग 2,900 किलोग्राम बम बनाने की सामग्री बरामद की.
क्या होते हैं मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोजिव?
पेंटाएरिथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट जैसे सैन्य-ग्रेड विस्फोटक बेहद पावरफुल होते हैं. इनका इस्तेमाल मुख्यतः सशस्त्र बलों द्वारा किया जाता है. इसके अलावा कभी-कभी आतंकवादी समूहों द्वारा भी इनका दुरुपयोग किया जाता है. PETN एक प्लास्टिक विस्फोटक है, जो सेमटेक्स का एक मुख्य घटक है. यह नाइट्रोग्लिसरीन से संबंधित है और यह कलरलेस क्रिस्टल की तरह दिखाई देता है. ऐसे में स्कैनिंग डिवाइसेज द्वारा इसका पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है.
PETN को खतरनाक बनाने वाली बात यह होती है कि इसकी थोड़ी-सी भी मात्रा बड़े विस्फोट का कारण बन सकती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगभग 100 ग्राम PETN एक कार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पर्याप्त है. यह सामान्य परिस्थितियों में काफी स्थिर रहता है, लेकिन गर्मी, आग या अचानक आने वाली शॉक वेव से एक्टिव हो सकता है.
बता दें कि अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल जैसे अन्य पदार्थों का भी शक्तिशाली विस्फोटकों में इस्तेमाल किया जाता है. ये सुपरसोनिक स्पीड से एनर्जी रिलीज करते हैं, जिससे तेज शॉकवेव उत्पन्न होती हैं जो साउड स्पीड से भी फास्ट होती है. यह काफी विनाशकारी साबित होती है.
क्या है जांचकर्ताओं का कहना?
इस मामले की जांच करने वाले लोगों का मानना है कि यह विस्फोट घबराहट के कारण दुर्घटनावश हुआ होगा. सुरक्षा एजेंसियां एक संदिग्ध आतंकवादी ग्रुप के सदस्यों को पकड़ने के लिए दिल्ली-एनसीआर और पुलवामामें छापेमारी कर रही थीं. इन अभियानों के दौरान, इसमें शामिल लोगों ने विस्फोटकों को जल्दी से इधर-उधर ले जाने की कोशिश की होगी, जिससे विस्फोट हुआ होगा. हालांकि, अभी इस बारे में किसी भी बात को लेकर पुष्टि नहीं की जा सकती है.