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India Daily

दिल्ली कार ब्लास्ट केस: मुख्य संदिग्ध उमर नबी की मौत से उठेगा सस्पेंस! एम्स दिल्ली करेगा माता-पिता का DNA

दिल्ली के लाल किले ब्लास्ट केस में पुलिस ने संदिग्ध उमर नबी भट के माता-पिता के डीएनए सैंपल जांच के लिए AIIMS भेजे हैं. इससे यह पता चलेगा कि संदिग्ध मारा गया या फरार है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

नई दिल्ली: दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट की जांच अब डीएनए टेस्टिंग के अहम मोड़ पर पहुंच गई है. इस धमाके में संदिग्ध माने जा रहे पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर नबी भट की पहचान के लिए उसकी मां और पिता के डीएनए सैंपल एकत्र किए गए हैं.

ये सैंपल AIIMS फॉरेंसिक लैब को भेजे गए हैं, जहां इनकी तुलना लोक नायक अस्पताल में रखे अज्ञात शवों से की जाएगी. इससे यह तय होगा कि उमर धमाके में मारा गया या अब भी फरार है.

AIIMS में भेजे गए DNA सैंपल

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पुलवामा के कोईल गांव निवासी डॉक्टर उमर नबी भट के माता-पिता के डीएनए नमूने पुलिस ने एकत्र किए हैं. उमर की मां का सैंपल दिल्ली में लिया गया, जबकि पिता का सैंपल जम्मू-कश्मीर में लिया गया. ये दोनों नमूने अब एआईआईएमएस की फॉरेंसिक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं. जांच के बाद इनकी तुलना उन अज्ञात शवों से की जाएगी, जो ब्लास्ट की रात लोक नायक अस्पताल लाए गए थे.

क्यों अहम है मां का DNA सैंपल?

फॉरेंसिक विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी विस्फोट या अग्निकांड जैसी घटनाओं में जब शव पहचान योग्य नहीं रहते, तो मां का डीएनए सबसे विश्वसनीय साक्ष्य माना जाता है. मां से बच्चे का आनुवंशिक संबंध सीधा होता है, इसलिए डीएनए तुलना से पहचान लगभग निश्चित की जा सकती है. इस प्रक्रिया में आमतौर पर खून या गाल की अंदरूनी सतह से नमूना लिया जाता है, जो आगे की जटिल जांच में बेहद उपयोगी साबित होता है.

Blast में संदिग्ध की भूमिका क्या थी?

पुलिस के अनुसार, उमर नबी भट को उस व्यक्ति के रूप में देखा गया था जो ब्लास्ट वाली ह्युंडई i20 कार चला रहा था. सीसीटीवी फुटेज में भी उसे कार के अंदर बैठे देखा गया था. सोमवार शाम हुए इस धमाके में नौ लोगों की मौत हुई थी. घटना के बाद से उमर लापता है. वह फरीदाबाद स्थित अल-फला यूनिवर्सिटी के मेडिकल साइंसेज और रिसर्च सेंटर में कार्यरत था.

DNA पहचान की वैज्ञानिक प्रक्रिया

डीएनए पहचान के लिए मुख्य रूप दो विधियों का प्रयोग किया जाता है- Autosomal STR profiling और Mitochondrial DNA (mtDNA) analysis. STR प्रोफाइलिंग में माता-पिता से विरासत में मिले डीएनए अंशों की तुलना की जाती है, जिससे 99% तक सटीकता मिलती है. जब न्यूक्लियर डीएनए नष्ट हो जाता है, तब वैज्ञानिक mtDNA analysis का उपयोग करते हैं, जो केवल मां से मिलता है और अत्यधिक गर्मी या विस्फोट जैसी परिस्थितियों में भी संरक्षित रहता है.

भारत में सीमित है तकनीकी उपयोग

सूत्रों के मुताबिक, इस तरह की उन्नत डीएनए जांच तकनीक भारत में अभी सीमित स्तर पर उपलब्ध है. एआईआईएमएस फिलहाल इसे मुख्यतः शोध कार्यों में इस्तेमाल करता है. जांच एजेंसियों का मानना है कि यह रिपोर्ट इस केस की दिशा तय कर सकती है- या तो यह साबित होगा कि उमर भट धमाके में मारा गया, या फिर वह अब भी फरार है.