Independence Day 2025: दिल्ली गूंजेगी देशभक्ति की धुनों से, स्वतंत्रता दिवस पर सैन्य बैंड देंगे शानदार प्रस्तुतियां, जान लें क्या कुछ होगा खास
नागरिकों को इन प्रस्तुतियों का प्रत्यक्ष आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. इन कार्यक्रमों में देशभक्ति गीत, मार्शल म्यूजिक और शास्त्रीय रचनाओं का ऐसा संगम होगा.
Independence Day 2025: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी दिल्ली का माहौल पूरी तरह देशभक्ति के रंग में रंग जाएगा. 15 अगस्त 2025 को आपको दिल्ली अलग ही रंग में नजर आएगी. इस दिन शाम 5 बजे से सशस्त्र बलों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, रेलवे सुरक्षा बल और राष्ट्रीय कैडेट कोर के बैंड शहर के विभिन्न प्रतिष्ठित स्थलों पर देशभक्ति की मधुर धुनें बिखेरने के लिए तैयार हैं. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नागरिकों के भीतर राष्ट्रप्रेम की भावना को और प्रबल करना है.
इंडिया गेट, कर्तव्य पथ, लाल किला और कनॉट प्लेस इस तरह की तमाम ऐतिहासिक स्थानों से प्रस्तुतियों के माध्य से वीरता, बलिदान और एकता का संदेश दिया जाएगा. पारंपरिक मार्शल ट्यून से लेकर शास्त्रीय संगीत तक, ये धुनें राजधानी को देशभक्ति के उत्सव में डुबो देंगी.
प्रमुख स्थलों पर दमदार प्रस्तुतियां
भारतीय सेना का बैंड इंडिया गेट पर, नौसेना का बैंड कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में और वायुसेना का बैंड कर्तव्य पथ पर प्रस्तुति देगा. तटरक्षक बल का बैंड नोएडा के बुद्ध पार्क में और एनसीसी का बैंड कुतुब मीनार पर दर्शकों का मन मोह लेगा. इसके अलावा, सीआरपीएफ का बैंड विजय चौक, बीएसएफ का बैंड राष्ट्रीय पुलिस स्मारक और सीआईएसएफ का बैंड लाल किले पर अपने सुरों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेगा.
परंपरा और आधुनिकता का अनोखा संगम
सैन्य और अर्धसैनिक बलों के बैंड की जड़ें औपनिवेशिक काल से जुड़ी हैं. समय के साथ इन्होंने परंपरा और आधुनिकता का सुंदर मेल बनाया है.
देशभर में गूंजेगा संगीत का जादू
दिल्ली में होने वाली ये प्रस्तुतियाँ एक व्यापक राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा हैं, जिसके तहत 28 राज्यों, 8 केंद्र शासित प्रदेशों और 96 शहरों में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसका उद्देश्य स्वतंत्रता दिवस के उल्लास को और अधिक जन-जन तक पहुँचाना है.
जनता के लिए विशेष आमंत्रण
नागरिकों को इन प्रस्तुतियों का प्रत्यक्ष आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. इन कार्यक्रमों में देशभक्ति गीत, मार्शल म्यूजिक और शास्त्रीय रचनाओं का ऐसा संगम होगा, जो स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को नमन करते हुए भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाएगा.